हुज्जतुल इस्लाम सादेकी ने कहा, विद्वानो और विद्यार्थियों को सामाजिक चुनौतियों से अच्छी तरह से अवगत होना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए यह जागरूकता सामाजिक नुकसानों की रोकथाम में सहायक साबित हो सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम आबिदीन सादेकी ने मदरसा इल्मिया ज़ैनब कुबरा स.ल.उरुमिया में आयोजित एक सभा में बातचीत करते हुए कहा, वर्तमान वैश्विक हालात के मद्देनजर उलमा और तलबा (विद्यार्थियों) का यह फर्ज़ है कि वे एक धार्मिक प्रचारक के रूप में इस्लामी शिक्षाओं को समाज तक पहुंचाएं और लोगों को नैतिकता और सही व्यवहार की ओर मार्गदर्शन करें।
उन्होंने आगे कहा, उलमा की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह भी है कि वे लोगों में राजनीतिक समझ और जागरूकता को बढ़ावा दें उन्हें देश की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का सही विश्लेषण करने और लोगों को मौजूदा समस्याओं से अवगत कराने में सक्षम होना चाहिए।
उरुमिया में प्रतिनिधि वली ए फकीह ने कहा, उलमा को सामाजिक चुनौतियों से अवगत होना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए। यह जागरूकता सामाजिक नुकसानों को रोकने में सहायक साबित हो सकती है।
उन्होंने कहा, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर झूठी खबरें आज के दौर की एक बड़ी चुनौती हैं। इंटरनेट और सोशल नेटवर्क के प्रसार के साथ, गलत और फर्जी जानकारियों का फैलाव एक आम समस्या बन गया है।
जो सार्वजनिक सोच और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम लोगों को इन समस्याओं से अवगत कराएं और इसका समाधान प्रस्तुत करें।