पिछले काफी समय से कट्टर हिंदुत्ववादी और संघी लॉबी के निशाने पर रही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने अपने खिलाफ किये जा रहे दुष्प्रचार पर बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे यहाँ मुस्लिमों को कोई रिज़र्वेशन नहीं दिया जाता। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने विभिन्न विषयों में एडमिशन और पदों पर भर्ती में मुस्लिम कैंडिडेट्स को धार्मिक आधार पर रिजर्वेशन देने के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि उसके यहां इस तरह के रिजर्वेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 12 नवंबर की रात को जारी एक बयान में यह बात कही।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर बड़ा फैसला दिया था और कोर्ट ने विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखा था। हालांकि, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े कानूनी सवाल पर फैसला नई पीठ करेगी और 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसे एक केंद्रीय कानून द्वारा स्थापित किया गया है।