ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ग़ज़ा में नस्ली सफ़ाये के इंकार पर आधारित ब्रिटेन के विदेशमंत्री के बयान को अत्यंत शोचनीय व अमानवीय बताया।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने बल देकर कहा कि ग़ज़ा पट्टी में नस्ली सफ़ाये के इंकार पर आधारित ब्रिटेन के विदेशमंत्री का बयान भी नस्ली सफ़ाया करने वाले इस्राईल के लिए हथियार भेजने वाले ब्रिटेन की नीति के परिप्रेक्ष्य में है और ब्रिटेन को अपराधों के भागीदार में परिवर्तित कर दिया है।
ब्रिटेन के विदेशमंत्री का बयान व दृष्टिकोण एक प्रकार से नस्ली सफ़ाये के प्रति सहमति का सूचक है, यह बात बहुत ही अमानवीय है और साम्राज्यवादी मानसिकता की याद दिलाता है कि इस बार वे यूरोप में फ़िलिस्तीनियों और इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ सुव्यवस्थित ढंग से ज़ाहिर हुए हैं।
इस्माईल बक़ाई ने इसी प्रकार रविवार को इसी संबंध में एक्स पर लिखा कि आज फ़िलिस्तीन में जांच कमेटी का यह नतीजा निकालना कि वहां पर नस्ली सफ़ाया हो रहा है वही चीज़ है जो इससे पहले राष्ट्रसंघ के विशेष रिपोर्टर और अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से बारमबार दोहराई जा चुकी है या उसके संबंध में चेतावनी दी गयी थी परंतु जो चीज़ लज्जाजनक है वह ब्रिटेन द्वारा खुल्लम- खुल्ला नस्ली सफ़ाये का इंकार किया जाना है।
उन्होंने मार्च 2024 को फ़िलिस्तीन के बारे में राष्ट्रसंघ की उस विशेष रिपोर्ट की ओर संकेत किया जिसमें कहा गया है कि इस्राईल की ओर से फ़िलिस्तीनियों का नस्ली सफ़ाया साम्राज्यवादी योजना के परिप्रेक्ष्य में जारी है। विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कह कि जिस हालत में विश्व पहले साम्राज्यवादी नस्ली सफ़ाये का साक्षी है केवल न्याय लागू करने से इस पर विराम लग सकता है।
ब्रिटेन के विदेशमंत्री David lemy ने अभी हाल ही में कहा था कि ज़ायोनी सरकार ग़ज़्ज़ा पट्टी में नस्ली सफ़ाया नहीं कर रही है क्योंकि जो लोग इस सरकार के हमलों में शहीद हुए हैं उनकी संख्या लाखों में नहीं पहुंचती है!
लेमी ने ब्रिटेन की संसद में कहा था कि नस्ली सफ़ाया जैसे शब्दों का प्रयोग आम तौर पर वहां पर प्रयोग किया जाता है जहां दसियों लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं जैसे रोवांडा संकट और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे जाने वाले इंसान और इस समय जो तरीका अपनाया जा रहा है वह उसके गम्भीर होने को कम करता है।