हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने कहा, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि देश में डिजिटल अवसंरचना को मजबूत किया जाए और समाज, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को वैचारिक आक्रमणों से सुरक्षित रखा जाए।
एक रिपोर्ट के अनुसार,जामिया अलमुस्तफा अलआलमिया के संरक्षक हुज्जतल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने क़ुम में हौज़ा-ए-इल्मिया के संरक्षक आयतुल्लाह आराफी और नेशनल वर्चुअल स्पेस सेंटर के प्रमुख डॉ. आग़ा मीरी की उपस्थिति में साइबर स्पेस एक्टिविस्ट काउंसिल के सदस्यों के साथ आयोजित बैठक में कहा,आज के दौर में जनता के विचार और सोच का अधिकांश हिस्सा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बनता है और इन्हीं के माध्यम से बदला भी जाता है।
उन्होंने आगे कहा,अल्हमदुलिल्लाह ईरान ने वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है हमें अपनी आंतरिक क्षमताओं और युवाओं पर भरोसा करके डिजिटल क्षेत्र में भी बेहतर परिणाम प्राप्त करने चाहिए।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने कहा,
वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान एक बुनियादी आवश्यकता है ताकि समाज विशेष रूप से युवाओं को बौद्धिक हमलों से बचाया जा सके।
उन्होंने पश्चिमी देशों की डिजिटल क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कहा,पश्चिमी दुनिया ने डिजिटल स्पेस की अहमियत को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में काफी तरक्की की है और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर मजबूत पकड़ बनाई हुई है।
जामिया अलमुस्तफा के प्रमुख ने आगे कहा,
दुर्भाग्यवश, वैश्विक स्तर पर हम अभी भी वांछित इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरी प्लेटफॉर्म्स के विकास में पीछे हैं।
इस्लामी क्रांति का वैश्विक प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है लेकिन दुश्मन इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और जन विचारों के नेतृत्व पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए बाधाएं खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,डिजिटल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस्लाम विरोधी तत्वों की साजिशों को विफल किया जा सके।