सत्ता पक्ष और विपक्ष के जबरदस्त तर्क-वितर्क के बीच सोमवार देर रात लोकसभा ने खाद्य पदार्थ विधेयक को ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी। हालांकि विपक्ष और सरकार के सहयोगी दलों ने विधेयक में लगभग दो सौ से अधिक संशोधन पेश किए थे परंतु भारत सरकार के संशोधनों के अतिरिक्त विपक्ष के किसी संशोधन को सदन की मंजूरी नहीं मिली और खाद्य सुरक्षा विधेयक बहुमत के साथ लोकसभा में पारित हो गया। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया। इसके पूर्व सरकार ने पिछले महीने अध्यादेश द्वारा लागू किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को वापस ले लिया। लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा आरंभ करते हुए सरकार ने कहा कि देश में भूख से सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक अहम पहल है और सभी दलों को इसे सर्व सम्मति से पारित कराना चाहिए। खाद्य मामलों के मंत्री प्रो केवी थॉमस ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है, जिसमें 35 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार प्रति माह देने के साथ ही छह महीने से लेकर 14 वर्ष के बच्चों को पोषक आहार देने का प्रावधान है। गरीब परिवारों की पहचान करने के कार्य में राज्य सरकारों को शामिल किया जाएगा। इस तरह से राज्यों की सहभागिता बढ़ाई जाएगी।