इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इमाम ख़ुमैनी रह. की 25वीं बरसी के अवसर पर अपनी स्पीच में कहा कि इस्लामी सिस्टम और लोकतंत्र, इमाम ख़ुमैनी की विचारधारा के दो स्तंभ थे। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी की विचारधारा में ताक़त व बल द्वारा हासिल की जाने वाली सत्ता को कोई स्थान नहीं है बल्कि उसमें जनता के मतों से हासिल होने वाली सत्ता, स्वीकार योग्य है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस्लामी जागरूकता, राष्ट्रों में साम्राज्यवाद विरोधी भावना, ईरान की दिन प्रतिदिन होने वाली प्रगति और विकास आदि इस्लामी इंक़ेलाब का ही नतीजा है। आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि हज़रत इमाम ख़ुमैनी फ़िलिस्तीन का खुलकर समर्थन करते थे। उन्होंने कहा कि साम्राज्य ख़ास कर अमरीका की चालें और षडयंत्र विफल हो रहे हैं। सुप्रीम लीडर ने कहा कि आतंकवादियों का समर्थन अब अमरीका की एक शैली बन गई है। उन्होंने कहा कि एमकेओ जैसे आतंकवादी संगठन का, जिसने ईरान के बहुत से विद्वानों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं और गणमान्य लोगों की हत्याएं कीं, अमरीका समर्थन करता है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने तकफ़ीरी और सलफ़ी आतंकवादी गुटों की विनाशकारी कार्यवाहियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सबको यह जान लेना चाहिए कि मुख्य दुश्मन वह देश हैं जिन्होंने इस तरह के आतंकवादी गुटों को पैदा किया है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि जो भी इस्लामी रिपब्लिक ईरान पर हमले करने की सोचेगा उसे निश्चित रूप से ईरानी राष्ट्र के मुंहतोड़ जवाब का सामना करना पड़ेगा।