इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा है कि इस्लाम के दुश्मन, दीन के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचा रहे हैं।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने रमज़ान महीने के पहले दिन रविवार को तेहरान की इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में क़ुरआने मजीद की एक सभा में अपने सम्बोधन में कहा कि क़ुरआन, मुसलमानों में चेतना और जागरूकता पैदा कर रहा है जिससे इस्लाम के दुश्मन भयभीत हैं और वह इस्लाम के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने, इमाम ख़ुमैनी द्वारा शुद्ध मुहम्मदी इस्लाम और अमरीकी इस्लाम जैसे दो शब्दों के प्रयोग की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगरचे अमरीकी इस्लाम, विदित रूप से इस्लाम ही है लेकिन यह, ज़ायोनिज़्म और साम्राज्य पैदा करता है, साम्राज्यवादियों के आदेशों का पालन करता है और पूरी तरह से अमरीका की सेवा करता है।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने इराक़ सहित विभिन्न इस्लामी समाजों में उपद्रव करवाने में दुश्मनों की ख़ुफ़िया एजेंसियों की भूमिका के बारे में स्पष्ट प्रमाण होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर इस्लामी समाज, क़ुरआने मजीद की शिक्षाओं से अवगत हो और उन्हें व्यवहारिक बनाए तो इस प्रकार के षड्यंत्रों को विफल बनाया जा सकता है।