ज़ायोनी शासन के राष्ट्रपति ने कड़े फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के समाने अपनी अक्षमता स्वीकार की है।
फ़िलिस्तीन की समा समाचार एजेन्सी के अनुसार शेमुन पेरेज़ ने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं के राकेटो के मुक़ाबले में ज़ायोनी शासन की अक्षमता को स्वीकार करते हुए दोनों ओर की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष विराम को सबसे अच्छा विकल्प बताया है।
ज़ायोनी राष्ट्रपति शेमुन पेरेज़ ऐसे समय में संघर्ष विराम की बात कह रहे हैं कि जब ज़ायोनी सेना, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं के राकेटों के आक्रमण को रोकने में विफल रही। शेमुन पेरेज़ अब यह कह रहे हैं कि युद्ध से शांति प्राप्त नहीं की जा सकती। ज़ायोनी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि ग़ज़्ज़ा में रहने वाले फ़िलिस्तीनी, इस्राईल के शत्रु नहीं है बल्कि मुख्य समस्या आतंकवाद है जिसका जन्मस्थल ग़ज़्ज़ा है।
शेमुन पेरेज़ ने अमरीका, योरोपीय संघ, रूस और संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूत टोनी ब्लेयर के साथ भेंट में दो देशों के गठन के उपायों का समर्थन किया। उन्होंने फ़िलिस्तीन की तथाकथित स्वशासित सरकार के प्रमुख महमूद अब्बास को इस्राईल का सहयोगी बताते हुए कहा कि उनके माध्यम से शांति तक पहुंचा जा सकता है। इस भेंटवार्ता में टोनी ब्लेयर ने मिस्र के संघर्षविराम के प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव, इस्राईल और ग़ज़्ज़ा में बच्चों के लिए बहुत अच्छा अवसर पैदा करेगा।
इसी बीच ज़ायोनी शासन के उप युद्धमंत्री ने कहा है कि नेतनयाहू को त्यागपत्र दे देना चाहिए। ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनियों के भयावह एवं पाश्विक आक्रमणों और उसका फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं की ओर से मुंहतोड़ उत्तर दिये जाने के कारण इस्राईल के उप युद्धमंत्री ने यह बात स्वीकार की है कि इस युद्ध में हम पराजित हुए हैं।
फ़िलिस्तीन की अलआन वेबसाइट के अनुसार देनी दानून ने मंगलवार को अपने एक भाषण में कहा है कि हम इस युद्ध में पराजित हुए हैं अतः इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयमिन नेतनयाहू को त्यागपत्र दे देना चाहिए। इससे पहले ज़ायोनी शासन की संसद क्नेसेट में अरब धड़ों और कुछ अन्य दलों ने नेतनयाहू के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी। (QR)