तंज़ानिया में फ़िलिस्तीन के राजदूत नें एक सम्बोधन में कहा है कि रमज़ानुल मुबारक के आख़िरी जुमे को क़द्स दिवस घोषित करना इमाम ख़ुमैनी की खुली सोच और दूरदर्शिता की तरफ़ इशारा करता है।
रिपोर्ट के अनुसार तंज़ानिया में इस्लामी रिपब्लिक ईरान के टिप्पड़ी केन्द्र, शिया ख़ोजा संघ, मदरसए इमाम जाफ़र सादिक़ अ., शिया असना अशरी काउंसिल और अन्य इस्लामी केन्द्रों के सहयोग से आयोजित एक सेमिनार, क़ुद्स शरीफ़ और मुसलमानों की ज़िम्मेदारियां, के शीर्षक को सम्बोधित करते हुए तंज़ानिया में फ़िलिस्तीनी राजदूत अबुल जैश नें कहा कि रमज़ानुल मुबारक के आख़िरी जुमे के दिन क़ुद्स दिवस का ऐलान करना इमाम ख़ुमैनी रह. की दूरदर्शिता का ऐलान करता है। उन्होंने कहा कि इस दिन को बाक़ी रखना सभी इस्लामी देशों की ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने अपने सम्बोधन में फ़िलिस्तीन के इतिहास और अत्याचारों पर रौशनी डालते हुए ग़ज़्ज़ा की जनता की मदद को ज़रूरी और इस्लामी कर्तव्य बताया।
उन्होंने कहा कि क़ुद्स शरीफ़ से मुहब्बत ईमान का हिस्सा है और उसकी आज़ादी के लिये क़दम उठाना मुसलमानों पर वाजिब है।