मक्के के इमामे जुमा डाक्टर शैख़ अब्दुरहमान सदीस ने चरपमंथियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि तबाही और बर्बादी मचाने, जनसंहार और धमाके करने वाले तथा लोगों को काफ़िर बताने वाले बहुत कट्टपंथी हैं और उन्होंने शत्रुओं की सेवाएं की है और इस्लामी समाज के लिए बेहतरीन अवसर हाथ से गवां दिया है।
काबे के इमाम शैख़ सदीस का कहना था कि बहुत से लोगों को इन चरमपंथियों के बुरे व्यवहार और उनकी यातनाओं से पीड़ा पहुंची और यह सब पथभ्रष्ट विचारधारा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह लोग ख़ामोश मतभेद को हवा दे रहे हैं और उस कट्टरता के मार्ग पर अग्रसर हैं जो रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ है।
उन्होंने लोगों से मतभेदों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि यह जितने भी अधिक हो जाएं इनसे इस्लाम को कोई लाभ नहीं पहुंचे गया क्योंकि यह भ्रष्ट रास्ते पर चल रहे हैं। उनका कहना था कि इन लोगों ने बहुत से लोगों के विचारों को दूषित कर दिया, सामाजिक गतिविधियों से उन्हें काट दिया है और लोगों को हैरानी के तूफ़ान में खड़ा कर दिया है। यह लोग मुसलमानों से मिलते जुलते हैं किन्तु मुसलमान नहीं हैं।
शैख़ सदीस ने अपने जुमे के भाषण में कहा कि यह लोग यह समझते हैं कि वह सही रास्ते पर हैं और ईश्वर उनके स्वास्थ्य की रक्षा कर रहा है। यह लोग क़ुरआन और हदीस की विदित बातों में आकर पथभ्रष्ट हो गये हैं क्योंकि यह लोग क़ुरआन और हदीस में निहित अर्थों को सही ढंग से समझ नहीं सकते और उसे सही अर्थ निकाल नहीं सकते। काबे के इमाम ने कहा कि इन लोगों के बारे में सोचने वाले बौखला जाता है और हमारे ही कुछ लोग, इस्लामी समाज के आधारों को कमज़ोर करने में इनकी सहायता कर रहे हैं। उन्होंने मुसलमानों से अह्वान किया कि वे इस्लामी चीज़ों का सही अध्ययन करें और उसे सही ढंग से समझें ताकि इस प्रकार की विचारधारा रखने वालों के हथकंडे में न आ सकें।