हदीसों की किताबों में इब्ने अब्बास के हवाले से बयान हुआ है कि रसूले इस्लाम स.अ. इमाम हसन अलैहिस्सलाम को अपने कांधे पर सवार किए हुए कहीं ले जा रहे थे किसी ने कहा अरे बेटा तुम्हारी सवारी कितनी अच्छी है? रसूले इस्लाम स.अ. ने फ़रमाया यह क्यों नहीं कहते कि सवार कितना अच्छा है?
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम रसूले इस्लाम के नवासे से और उनके फूल हैं। आप संयम, सब्र, सहनशीलता और दान देने में रसूल का दूसरा रूप थे। रसूले इस्लाम स. आपसे बहुत ज्यादा मुहब्बत करते थे आपकी मोहब्बत मुसलमानों के बीच मशहूर थी किताबों में रसूले इस्लाम स. के निकट इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के महत्व व स्थान के बारे में बहुत कुछ बयान हुआ है इसलिए हम कुछ हदीसें यहां पेश कर रहे हैं।
हज़रत आएशा से रिवायत है कि रसूले इस्लाम स.अ. ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को गोद में लिया और उनको अपने सीने से चिमटाते हुए कहा है ऐ मेरे खुदा यह मेरा बेटा है मैं इससे मोहब्बत करता हूं और जो इससे मोहब्बत करे मैं उससे मोहब्बत करूंगा।
बर्रा इब्ने आजिब ने बयान किया है मैंने रसूले इस्लाम स. को देखा कि आप अपने कंधों पर इमाम हसन अ. और इमाम हुसैन अ. को सवार किए हुए फरमा रहे हैं ऐ मेरे अल्लाह मैं इनसे मोहब्बत करता हूं और तू भी उनसे मोहब्बत कर इब्ने अब्बास ने भी बयान किया है।
जो जन्नत के जवानों के सरदार को देखना चाहता है वह हसन की ज़ियारत करे।
रसूले इस्लाम ने फरमाया हसन दुनिया में मेरे फूल हैं।