हम सब ये बात जानते हैं कि हमारे आख़िरी इमाम की विलादत को गुप्त (पोशीदा) रखा गया था, लेकिन बहुत से लोगों के दिल में इस बात के लेकर सवाल भी उठता है कि आपकी पैदाइश को पोशीदा रखने का आख़िर क्या कारण था? तारीख़ की किताबों में इस सवाल का इस कुछ तरह से जवाब दिया गया है कि, बहुत सारी हदीसों में इस बात को बयान किया गया है कि बनी अब्बास के तानाशाहों को यह बात स्पष्ट रूप से पता थी कि, इमाम हसन असकरी अ.स के घर "मेहदी" नाम का एक बेटा पैदा होने वाला है जो अत्याचारियों की ईंट से ईंट बजा देगा और पीड़ित लोगों की मदद करेगा और पूरी दुनिया को अत्याचार और पाप से मुक्त कर देगा।
यही वजह है कि अब्बासी बादशाह मोतमिद इमाम असकरी अ. स के घर पर कड़ी निगाह रखे हुए था, यहाँ तक कि उसने कुछ दाईयो को लगा रखा था कि वह हर कुछ दिनों पर अलवियों ख़ास कर इमाम के घर जा कर पता करती रहें, और अगर किसी भी बच्चे के बारे में शक हो कि वह "मेहदी" है तो उसे तुरंत मार दें। यही कारण है कि अल्लाह की मर्ज़ी भी यह थी कि इमाम मेहदी अ.स की पैदाइश को गुप्त रखा जाए। इमाम की ग़ैबत का कारण
- इमाम महदी अ. अल्लाह की आख़िरी निशानी हैं, आप का मिशन इस धरती पर न्यायप्रिय शासन की स्थापना करना है।
- अगर समाज ऐसी सत्ता प्रणाली को स्वीकार करेगा तभी ऐसे शासन की स्थापना संभव है।
हदीसों में इमाम की ग़ैबत के कारणों को इस प्रकार बयान किया है।
- न्यायिक सत्ता प्रणाली की स्थापना
- इंसानों के आज़माने के लिए
- आपकी सुरक्षा के लिए
मशहूर विद्वान मोहक़्क़िक़ तूसी अपनी किताब तजरीद में लिखते हैं कि, इमाम का होना अल्लाह का एहसान है,
इमाम को संसार के कार्यों में इख़्तियार देना यह दूसरा एहसान है, और उनका हमारे बीच न होना यह हमारी क्षमता की कमी है। (मजमूआ ए ज़िंदगानिए चहारदा मासूम, पेज 1274)
दूसरे शब्दों में ग़ैबत के कारणों को इस प्रकार बयान किया जा सकता है
- लोगों को आज़माने के लिए।
- अल्लाह की सुन्नत यही रही है कि कभी कभी अपने पैग़म्बर और वली को लोगों की निगाह से छिपा के रखता है।
- हम अपने गुनाहों के कारण उन्हें नहीं देख पाते।