ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ ईरान के सैनिक आप्रेशन "सच्चा वादा" के 12 संदेश

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ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ ईरान के सैनिक आप्रेशन "सच्चा वादा" के 12 संदेश

इस्राईल के ख़िलाफ़ शनिवार की रात ईरान की सैनिक कार्यवाही के बाद फ़िलिस्तीनी झंडा लिए ख़ुशी मनाता एक ईरानी बच्चा

ईरान के सैन्य स्तंभों में से एक, आईआरजीसी या सिपाहे पासदारान ने 14 अप्रैल 2024 को तड़के  अवैध इस्राईली शासन के भीतर मिसाइलों और ड्रोन विमानों से वहां के महत्वपूर्ण स्ट्रैटेजिक लक्ष्यों को टारगेट किया।

इस ऐतिहासिक कार्यवाही के संदर्भ में बहुत कुछ कहा जा रहा है जिनमें से कुछ बिंदुओं का यहां पर हम उल्लेख कर रहे हैं।

1- ईरान का सच

इस आपरेशन का नाम "सच्चा वादा" रखा गया है।  यह नाम इसलिए रखा गया है कि दोस्त और दुश्मन दोनों ही यह जान लें कि इस्लामी गणराज्य ईरान जो कहता है उसको कर दिखाता है।  यह आप्रेशन साबित करता है कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के यह कथन तार्किक और सही थे कि "एक मारोगे तो दस खाओगे या फिर "मारो और भाग जाओ" का ज़माना ख़त्म हो गया।

2- क़ानूनी सेल्फ़ डिफ़ेंस

इस्लामी गणतंत्र ईरान की कार्यवाही, संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर के अनुरूप है जिसको सेल्फ़ डिफ़ेंस के आधार पर अंजाम दिया गया है।  "सच्चा वादा" नामक कार्यवाही ज़ायोनियों के विभिन्न हिंसक हमलों का जवाब है जिसमें दमिश्क़ में ईरानी काउन्सलेट पर ज़ायोनियों का हमला भी शामिल है।  इस हमले में सीरिया में मौजूद ईरान के कई सैन्य सलाहकार शहीद हो गए थे।

3- राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में ईरान कोई ढील नहीं बरतता

वर्तमान परिस्थतियों में यह कार्यवाही, दुश्मनों की धमकियों के मुक़ाबले में राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ईरानी राष्ट्र के लिए बहुत ज़रूरी थी।

4- ईरान की ताक़त की एक छोटी सी झलक

"सच्चा वादा" नामक सैनिक आप्रेशन के माध्यम से ईरानी राष्ट्र की सैन्य क्षमता की एक छोटी सी झलक पेश की गई है।  दुश्मनों को इसी बिंदु के आधार पर पहले की सबकुछ सोच-समझ लेना चाहिए ताकि इसके बाद से कभी भी वे ईरानी राष्ट्र के संबन्ध में अपने अनुमानों में कोई ग़लती न कर बैठें।

5- आयरन डोम का मिथ

"सच्चा वादा" नामक कार्यवाही ने आयरन डोम की अक्षमता को पूरी तरह बेनक़ाब कर दिया।  इस सैन्य कार्यवाही के दौरान प्रयोग किये गए आधे से अधिक मिसाइल और ड्रोन, लंबा सफर तय करने के बाद आयरन डोन को पार करते हुए अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में सफल रहे।

6- इस्राईल को आइंदा हमले न करने की चेतावनी

इस्लामी गणराज्य ईरान ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि ज़ायोनी शासन की किसी भी प्रतिक्रिया को वह हमला मानते हुए बहुत ही कड़ा जवाब देगा।

7-   अमेरिका को चेतावनी

अमेरिका को चाहिये कि वह ईरान के संदेश को गंभीरता से ले और ईरान के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार की संभावित कार्यवाही में इस्राईल का साथ देने से दूर रहे। अमेरिकी बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि आंकलन में ग़लती करने और अपराधी जायोनी सरकार का साथ देने की स्थिति में क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर उनके समस्त ठिकानों को गम्भीर क्षति पहुंचेगी।

8- क्षेत्र की सुरक्षा में पड़ोसियों के सहयोग का महत्व

इस्लामी गणतंत्र ईरान ने बार बार एलान किया है कि वह क्षेत्र के समस्त देशों विशेषकर पड़ोसियों के साथ सद्भावना और संयुक्त हितों के आधार पर संबंधों को मज़बूत बनाये जाने का इच्छुक है परंतु साथ ही उसने स्पष्ट शब्दों में क्षेत्र और पड़ोसी देशों को यह संदेश भी दिया है कि अगर उन्होंने अपनी ज़मीन और स्पेस को ईरानी राष्ट्र के दुश्मनों के अधिकार में दिया तो वह देश ईरान का वैध लक्ष्य हो जायेगा।

9-  ईरान का राष्ट्रीय संकल्प

ईरान की सिपाहे पासदारान फ़ोर्स आईआरजीसी ने जायोनी सरकार के विभिन्न अपराधों का जो करारा जवाब दिया है उस पर ईरान में मनाये जाने वाले जश्न और ईरानी अवाम के समर्थन की घोषणा इस बात की सूचक है कि यह कार्यवाही आमजनमत की मांग थी और राष्ट्रीय संकल्प के आधार पर इसे अंजाम दिया गया है।

10-  ईरान का हमला क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध व क़ानूनी

ईरान ने इस्राईल के खिलाफ जो जवाबी हमला किया है उस पर क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर खुशी मनाई जा रही है और यह खुशी ईरानी हमले की वैधता की सूचक है।

11- ईरान की सही रक्षा नीति, पूरी दुनिया के लिए आदर्श

ईरान का यह जवाबी हमला पूरी तरह आत्म रक्षा और जायोनी सरकार के अपराधों के जवाब में किया गया है और इस जवाबी हमले ने दर्शा दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीति और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता की दूरगामी सोच और पिछले कुछ दशकों के दौरान रक्षा आधारों और मिसाइल शक्ति को मज़बूत करने की उनकी नीति बिल्कुल दुरुस्त, दूरगामी और सटीक रही है। यह चीज़ दुनिया के दूसरे देशों और राष्ट्रों के लिए आदर्श हो सकती है।

12- ईरान की सही क़ुरआनी आइडियालोजी

एक महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद बिन्दु यह है कि ईरानी राष्ट्र और ईरान की आर्म्ड

फ़ोर्सेज़ का नज़रिया है कि आख़िरकार सत्य की असत्य पर जीत होगी और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अगर जायोनी सरकार किसी प्रकार की नीति अपनाये और कोई कार्यवाही करे तो इससे वह केवल अपने अवैध व अत्याचारी अस्तित्व को मिटाने की पक्रिया तेज़ करेगी

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