माहे रमज़ान के छब्बीसवें दिन की दुआ (26)

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माहे रमज़ान के छब्बीसवें दिन की दुआ (26)

माहे रमज़ानुल मुबारक की दुआ जो हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने बयान फ़रमाया हैं।

أللّهُمَّ اجْعَلْ سَعْيي فيہ مَشكوراً وَذَنبي فيہ مَغفُوراً وَعَمَلي فيہ مَقبُولاً وَعَيْبي فيہ مَستوراً يا أسمَعَ السّامعينَ..

अल्लाह हुम्मज अल सअयी फ़ीहि मशकूरा, व ज़न-बी फ़ीहि मग़फ़ूरा, व अमली फ़ीहि मक़बूला, व ऐबी फ़ीहि मसतूरा, या अस-मअस्सामिईन (अल बलदुल अमीन, पेज 220, इब्राहिम बिन अली)

ख़ुदाया! इस महीने में मेरी कोशिशों को लाएक़े क़द्रदानी क़रार दे, मेरे गुनाहों को इस में क़ाबिले बख़्शिश क़रार दे, और मेरे अमल को क़ुबूल फ़रमा, और मेरे ऐबों को छुपा दे, ऐ सुनने वालों में सबसे ज़ियादा सुनने वाले...

अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम...

 

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