मिस्र की एक अदालत ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए 51 कार्यकर्ताओं को दो वर्ष क़ैद की सज़ा सुनाई है।
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं पर आरोप था कि उन्होंने देश के दो द्वीपों को सऊदी अरब के हवाले किए जाने के सरकार के विवादित फ़ैसले का विरोध किया था।
शनिवार को सरकारी वकील ने अदालत के इस फ़ैसले की पुष्टि करते हुए कहा, इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि फ़ैसला सुनाए जाने के वक़्त 33 कार्यकर्ता अदालत में मौजूद थे, जबकि अन्य ज़मानत पर रिहा हैं।
इन लोगों पर 2013 में बनने वाले उस क़ानून के उल्लंघन का आरोप था, जिसके तहत सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन करने और ट्राफ़िक में रुकावट डालने पर प्रतिबंध है।