इस्राईल की पाबंदी के बावजूद मस्जिदुल अक़सा में नमाज़े जुमा

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इस्राईल की पाबंदी के बावजूद मस्जिदुल अक़सा में नमाज़े जुमा

इस्राईल की ओर से पाबंदी लगाए जाने के बावजूद ग़ज़्ज़ा से आने वाले तीन सौ से अधिक फ़िलिस्तीनी बैतुल मुक़द्दस में नमाज़े जुमा में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।

फ़िलिस्तीन के नागरिक मामलों के अधिकारी ने बताया है कि शुक्रवार को ग़ज़्ज़ा के 300 से अधिक नागरिक बैत हानून से हो कर अतिग्रहित बैतुल मुक़द्दस पहुंच गए ताकि मस्जिदुल अक़सा में होने वाली नमाज़े जुमा में भाग ले सकें। ज्ञात रहे कि इस्राईली सैनिक फ़िलिस्तीनी नमाज़ियों को बड़ी मुश्किल से मस्जिदुल अक़सा में नमाज़े जुमा में भाग लेने की अनुमति देते हैं और 45 साल से कम आयु के लोगों को नमाज़े जुमा में शामिल होने की अनुमति नहीं होती।

उधर फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि एविग्डर लिबरमैन को ज़ायोनी शासन का युद्ध मंत्री बनाए जाने से फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध अपराधों और अत्याचारों की नई लहर शुरू हो सकती है। पीएलओ के कार्यकारी समिति के प्रमुख साएब उरैक़ात ने कहा कि लिबरमैन को इस्राईल का युद्ध मंत्री बनाए जाने से पहले की तुलना में जातिवादी कार्यवाहियों और ज़ायोनी काॅलोनियों के निर्माण में वृद्धि होगी और दो सरकारों के गठन की योजना ठप्प पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे धार्मिक व राजनैतिक चरमपंथ, आतंकवाद, हिंसा और रक्तपात में बढ़ोतरी होगी।  

 

 

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