अमरीका के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करेगा ईरान

Rate this item
(0 votes)
अमरीका के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करेगा ईरान

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने कहा है देश के विरुद्ध अमरीकी सरकार की आपराधिक कार्यवाहियों के कारण जो नुक़सान हुआ है

उसके संबंध में अमरीका के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही शुरू करने संबंधी क़ानून से विदेश मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है। यह क़ानून ईरान की संसद से पास हुआ है जिसके तहत संसद ने देश और जनता के अधिकारों की रक्षा संबंधित कार्यसूचि निर्धारित की है। इस क़ानून का एक भाग अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शनों से संबंधित है जो ईरानी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा से जुड़े हैं।

ईरान जिन मामलों में अमरीका के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करेगा उनमें वर्ष 1953 में अमरीका द्वारा ईरान के भीतर करवाई गई सैनिक बग़ावत है जिसमें ईरान की क़ानूनी सरकार गिर गई थी। इसी प्रकार अमरीकी बैंकों में ईरान की संपत्ति का ज़ब्त कर लिया जाना और उसका एक भाग लूट लेना भी उन मामलों में शामिल है जिसकी शिकायत अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में की जा सकती है।

अमरीका की मानवता विरोधी कार्यवाहियों और ईरान के अधिकारों के हनन के बहुत से साक्ष्य मौजूद हैं जिनके आधार पर अमरीका के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

अमरीका ने ईरान पर इराक़ की सद्दाम सरकार की ओर से थोपे गए आठ वर्षीय युद्ध के दौरान सद्दाम शासन को रासायनिक हथियारों की सप्लाई में भूमिका निभाई थी। जो दस्तावेज़ मिले हैं उनके अनुसार अमरीका ने सद्दाम को रासायनिक आयुद्ध उपलब्ध कराने में प्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई है।

सद्दाम के रासायनिक हमलों में ईरान के एक लाख से अधिक नागरिक शहीद और बीमार हो गए थे। इस मामले को कई साल पहले ही अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में उठाया जा चुका है।

अमरीका ने ईरान के यात्री विमान को मिज़ाइल से मार गिराया था जिसमें 290 यात्री सवार थे। अमरीका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर देश की जनता को बहुत परेशान किया है। अमरीका ने जो प्रतिबंध लगाए वह अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की दृष्टि से अमानवीय हैं।

अमरीकी कांग्रेस में उन आतंकी सगठनों की सहायता के लिए बजट भी पास किया जाता है जो ईरान के विरुद्ध सक्रिय हैं।

हालांकि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर अमरीका का दबाव है अतः उनकी ओर से कोई विशेष उम्मीद नहीं है लेकिन यह भी अपने आप में महत्वपूर्ण है कि अमरीका के विरुद्ध मानवता विरोधी अपराधों का मुक़द्दमा शुरू हो।

 

Read 1282 times