ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने सोमवार की रात इमाम हसन (अ) के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि परमाणु समझौते के बारे में अमरीका की ग़द्दारी से जनमत को अवगत करवाया जाना चाहिए।
समारोह में मौजूद ईरान, पाकिस्तान, भारत और अफ़ग़ानिस्तान के कवियों एवं साहित्यकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा कि जेसीपीओए को लेकर अमरीका के छल-कपट के बारे में कवि जीवित कविताएं लिख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों के अलावा कलाकारों विशेष रूप से कवियों को इस वास्तविकता को जनता तक पहुंचाना चाहिए।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना था कि आज एक अन्य प्रकार की सॉफ़्ट वार एवं राजनीतिक तथा सांस्कृतिक लड़ाई जारी है, इस दौरान शायरी को प्रभावशाली ढंग से अपनी ज़िम्मेदारी अदा करनी चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने उल्लेख किया कि आज अतीत की तुलना में फ़िलिस्तीन, यमन, बहरैन, ईरान-इराक़ युद्ध, शहीदों और नाइजीरिया के बहादुर, दृढ़ संकल्पित एवं पीड़ित शेख़ ज़कज़की जैसे वीरों के बारे में जीवित एवं विशिष्ट शेर लिखे जा रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश इन प्रभावशाली शेरों का अच्छी तरह प्रचार नहीं किया जा रहा है और इस संबंध में लापरवाही से काम लिया जा रहा है।