ग़ज़्ज़ा का प्रतिरोध किसी चमत्कार से कम नहीं : सैयद हसन नस्रुल्लाह

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ग़ज़्ज़ा का प्रतिरोध किसी चमत्कार से कम नहीं : सैयद हसन नस्रुल्लाह

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह का कहना है कि ग़ज्ज़ा युद्ध में ज़ायोनी सेना बेहाल हो चुकी है।

बुधवार को सैयद हसन नसरुल्लाह ने टीवी पर अपने संबोधन में कहाः हर मोर्चे पर इस्राईली सेना की हालत बहुत बेहाल हो चुकी है। दुश्मन के विशेषज्ञों ने रणनीतिक हार को स्वीकार करने पर ज़ोर दिया है।

ग़ौरतलब है कि 7 अक्तूबर को अवैध क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में हमास के अल-अक़सा ऑप्रेशन के आरंभ होने के बाद से इस्राईल ने ग़ज्ज़ा के ख़िलाफ़ व्यापक युद्ध छेड़ दिया था, लेकिन 5 महीने का समय बीत जाने के बाद भी हमास को नष्ट करने सहित वह अपने किसी भी घोषित लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका है।

हालांकि ज़ायोनी सेना ने ग़ज़ा में बड़े पैमाने पर फ़िलिस्तीनियों का नरसंहार किया है और पूरे इलाक़े को वीरान कर दिया है।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने अपने भाषण में कहाः ग़ज़्जा जो प्रतिरोध और संघर्ष कर रहा है वह किसी चमत्कार से कम नहीं है और वहां से दुनिया आश्चर्यचकित करने वाले दृश्य देख रही है। यह क़ुरान की संस्कृति है और यह पूरी दुनिया के लिए एक स्पष्ट प्रमाण है।

सैयद हसन नसरुल्लाह का कहना था कि इस्राईली सेना को उससे कहीं ज़्यादा नुक़सान पहुंचा है, जिसका उसने एलान किया है। उन्होंने कहा कि हम अपने शहीदों की घोषणा लाइव ब्रोडकास्ट में करते हैं, जबकि दुश्मन अपने मृतकों की संख्या को छिपाता है, जिसका ज़ायोनी सेना पर असर पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तरी मोर्चे पर इस्राईल ने अपने जानी और माली नुक़सान पर भारी पर्दा डाल रखा है।

सैयद हसन नसरुल्लाह का कहना था कि पांच महीने के युद्ध के बाद, इस्राईली सेना के पास सैनिकों की कमी है और वह 14,500 अधिकारियों और सैनिकों की भर्ती करना चाहती है, यहां तक कि वह अति-रूढ़िवादी यहूदियों को प्राप्त सेना में भर्ती की छूट को भी समाप्त करना चाहती है। सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि कौन यकीन करेगा कि जो बाइडेन गज्जा युद्ध को बंद नहीं करवा सकते हैं। उन्होंने कि कहा कि बाइडेन एक सेकेंड से कम की अवधि में गज्जा युद्ध और जायोनी सरकार के अपराधों को बंद करवा सकते हैं।

हिज्बुल्लाह के महासचिव ने अमेरिकी सरकार को मूर्ख सरकार की संज्ञा दी और कहा कि बेहतर है कि वाशिंग्टन गज्जा युद्ध को बंद कराये। उन्होंने कहा कि गज्जा युद्ध को बंद कराने की शर्त बुद्धिमता, मानवप्रेम,धार्मिक और तार्किक है। उन्होंने कहा कि आज फिलिस्तीन के समस्त गुट और गज्जावासी जायोनी सरकार के अतिक्रमणों व अपराधों के बंद किये जाने के इच्छुक हैं और यह बंद अस्थाई नहीं होना चाहिये। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि मामला केवल बंदियों के आदान- प्रदान तक सीमित नहीं है बल्कि जायोनी सरकार का अतिक्रमण पूर्णरूप से बंद होना चाहिये और इस पर सबको ध्याना देना चाहिये और हम बल देकर कहते हैं कि हम समस्त फिलिस्तीनी गुटों और हमास के नेताओं के साथ हैं और इस गुट की कानूनी शर्तों का समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज जो कुछ गज्जा में हो रहा है वह पूरे विश्ववासियों के लिए सीख है और अलअक्सा तूफान की बड़ी उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह 6ठां महीना है जब नेतनयाहू कह रहे हैं कि अगर रफह पर हमला नहीं करेंगे तो युद्ध हाथ से चला जायेगा, उन्होंने कहा कि मैं नेतनयाहू से कहता हूं कि अगर रफह पर हमला किया तो जंग हार जाओगे और न हमास को खत्म कर सकते हो और न ही प्रतिरोध को।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि जायोनी दुश्मन की हार की एक अलामत यह है कि वे गज्जा युद्ध के 6ठें महीने में हमास से बात कर रहे हैं।

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