न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क़ानून सहित किसानों की मांगों को लेकर गुरुवार को हज़ारों की संख्या में किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने किए यह क़दम उठाया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, किसान मज़दूर महांपचायत नाम के इस सम्मेलन में किसानों ने कृषि से संबंधित केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए सरकार के विरोध में नारे लगाए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा, 37 कृषि संघों का एक समूह है, जिसने 22 फ़रवरी को चंडीगढ़ में एक बैठक में दिल्ली में महापंचायत का आह्वान किया था।
तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में साल 2020-21 में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के हुए प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का कहना है कि किसान मज़दूर महापंचायत में केंद्र सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ लड़ाई तेज़ करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास मौजूद रामलीला मैदान में यह रैली आयोजित करने के लिए पुलिस ने इस शर्त पर मंज़ूरी दी है कि इसमें 5,000 से अधिक लोग नहीं जुटेंगे, आयोजन स्थल तक कोई ट्रक या ट्रॉली नहीं ले जाई जाएगी और न ही मैदान में कोई मार्च किया जा सकेगा।