पाकिस्तान में शियों के जनसंहार में अमरीका का हाथ

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तेहरान की केंद्रीय नमाज़े जुमा के इमाम आयतुल्लाह जन्नती ने कहा है कि ईरान के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में जनता को भाग लेने से रोकने के शत्रु के समस्त प्रयास विफल हो जायेंगे।

आयतुल्लाह अहमद जन्नती ने तेहरान की केंद्रीय नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में उल्लेख किया कि जून में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को फीका करने हेतु विश्व शक्तियां स्थानीय तत्वों के सहयोग से दुष्प्रचार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जनता के बीच तनाव उत्पन्न करने के लिए नकारात्मक प्रचार किया जा रहा है किन्तु सदैव की भांति इस बार भी ईरानी राष्ट्र चुनावों में बढ़ चढ़कर भाग लेगा और शत्रुओं की समस्त साज़िशों पर पानी फेर देगा।

आयतुल्लाह जन्नती ने ईरान में स्वतंत्र चुनाव आयोजित न होने के शत्रुओं के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि यदि ईरान में चुनाव स्वतंत्र रूप से आयोजित नहीं होते तो आज ईरान अन्य देशों के लिए धार्मिक लोकतांत्रिक आदर्श नहीं होता।

इसी प्रकार तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने अमरीका द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषकर प्रतिबंधों और दबाव की स्थिति में ईरान की प्रगति की वास्तविकता को स्वीकार करने की ओर संकेत करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ईरान की प्रगति ने शत्रुओं के समस्त अनुमानों पर पानी फेर दिया है कि जो सोजते थे कि प्रतिबंधों में वृद्धि से ईरानी राष्ट्र को झुकाने पर विवश कर सकते हैं।

इसी प्रकार आयतुल्लाह जन्नती ने पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के नरसंहार की भर्त्सना करते हुए कहा कि पाकिस्तान में शियों पर हो रहे अत्याचारों में अमरीका की भूमिका स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि विश्व साम्राज्य शियों का नरसंहार करके पाकिस्तान में शिया और सुन्नियों में मदभेद उत्पन्न करना चाहता है ताकि क्षेत्र में अपनी वर्चस्ववादी नीतियों को आगे बढ़ा सके।

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