8 अमेरिकी सीनेटर्ज़ ने एक योजना पेश की है जिसमें अमेरिकी सरकार से अल्बानिया की राजधानी तिराना में स्थित "अशरफ-3" कैंप में एमकेओ के आतंकवादी गुट (मुजाहेदीने ख़ल्क) के सदस्यों की सुरक्षा की गुहार लगाई गयी है।
इस योजना को पेश करने वाले सीनेटर अमरीका की दोनों प्रसिद्ध पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों से हैं।
इन सीनेटर्ज़ ने एमकेओ आतंकी गुट के सदस्यों के समर्थन की अपील ऐसे समय में किया गया है कि जब यह आतंकवादी गुट 2010 तक अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ के विदेशमंत्रालयों की आतंकवादी गुटों की सूची में था, लेकिन उसके बाद ईरान से दुश्मनी के मक़सद से, इस आतंकी गुट को अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों द्वारा ब्लैक लिस्ट से हटा दिया गया।
इस आतंकवादी गुट का गठन जेल, घुटन, ग़ुलामी, जबरन भर्ती, कैंप के अंदर सदस्यों को क़ैद रखने, उन्हें बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग थलग कर देना, जबरन तलाक़ और विवाह यहां तक कि संगठन की नीतियों का पालन करते हुए ब्रह्मचर्य का आह्वान करना, सदस्यों का ब्रेनवॉश करने के लिए मानसिक प्रेरणा के इस्तेमाल करने के आधार पर किया गया।
आतंकवादी गुट एमकेओ के यह कुछ ऐसे तरीके हैं जो आम यह गुट आम और भोले भाले लोगों पर इस्तेमाल करता है। जिन चीज़ों का हमने उल्लेख किया गया है वे चीज़ें इस खतरनाक आतंकी गुट के शिविरों में देखी गयी हैं।
1980 के दशक में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद के वर्षों में, एमकेओ आतंकी गुट ने ईरान के अंदर कई आतंकी हमले किए और तब से इस ग्रुप का नाम ईरानी जनता के मन में एक नफ़रती ग्रुप के रूप में दर्जं हो गया।
इस आतंकवादी विचारधारा वाले ग्रुप के समर्थन की गुहार जो "ईरानी जनता की आज़ादी" के दावे करता है, ईरान के ख़िलाफ़ थोपे गए युद्ध के दौरान इराक़ की बास पार्टी के तानाशाह सद्दाम से लगाई गयी जिसकी वजह से ईरानी जनता के के बीच इस गुट की ज़रा भी इज़्ज़त नहीं रही और इस तरह से एमकेओ ईरान में सबसे अधिक घृणित और नफ़रत किया जाने वाला नाम बन गया।
ईरानी जनता के ख़िलाफ़ एमकेओ आतंकवादी गुट द्वारा किए गए कई अपराधों के बावजूद, अमेरिकी राजनेता इस ग्रुप का समर्थन करना जारी रखे हुए हैं।
2013 में अमेरिकी सरकार ने अल्बानिया को इस आतंकवादी गुट के सदस्यों को शरणार्थी के रूप में स्वीकार करने के लिए मजबूर किया था।
इस्लामी क्रांति की सफलता के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक एमकेओ आतंकी गुट ने विभिन्न आतंकवादी कार्यवाहियों के दौरान 17 हज़ार से अधिक ईरानी नागरिकों की हत्या कर दी है।
इस्लामी क्रांति की सफलता के शुरुआती दिनों में ईरान के भीतर आतंकी कार्यवाहियों के कारण, इस गुट के कई आतंकियों को न्यायपालिका ने सज़ाए मौत की सज़ा सुनाई।
जॉन बोल्टन सहित कई अमेरिकी राजनेता हमेशा ही इस आतंकवादी गुट के संपर्क में रहे हैं।
मरियम रजावी के नेतृत्व में इस गुट द्वारा ईरान विरोधी प्रदर्शनों और विदेशी मीडिया में तेहरान के ख़िलाफ लगातार प्रोपेगैंडा किया जाता रहा है।
हालिया वर्षों के दौरान आतंकी गुट मुजाहेदीने ख़ल्क़ के सदस्य विभिन्न भाषाओं में सोशल मीडिया पर ईरान के ख़िलाफ़ और अमेरिकी प्रतिबंधों के समर्थन में कामेंट करते रहे हैं।