पिछले महीने और ग़ज़्ज़ा जंग के शुरू होने पर जायोनी सैनिकों ने ग़ज्जा में आम फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया था जिसकी तस्वीरें प्रकाशित हुई थीं जिस पर विश्व के संचार माध्यमों में काफी प्रतिक्रिया हुई थी।
आम फिलिस्तीनी बंदियों को निर्वस्त्र किया जाना और उनकी आंखों पर पट्टी बांधना वह दृश्य था जिसे देखकर इराक और सीरिया में दाइश के कृत्यों की याद आ जाती थी।
तकफीरी भी नीचा दिखाने और डराने के लक्ष्य से इन दोनों देशों में बहुत से आम नागरिकों की आंखों पर पट्टी बांधते और उन्हें ज़मीन पर बिठाते थे।
नेतनयाहू की जो तस्वीर दाइश जैसी बनाई गयी है वह इंस्टाग्राम पर घूम रही है
आम नागरिकों की हत्या, बच्चों की हत्या, अस्पतालों पर हमले, राहत पहुंचाने वाले वाहनों पर हमले, प्रतिबंधित हथियारों का प्रयोग, लोगों पर पानी बंद कर देना, ज़िन्दगी की ज़रूरी चीज़ों को तबाह व बर्बाद कर देना, मौलिक वस्तुओं को नष्ट कर देना, जातिवाद, घरबार छोड़ देने पर मजबूर कर देना, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को इंकार करना और अंतरराष्ट्रीय कंवेन्शनों की अनदेखी कर देना, बंदियों को शारीरिक और मानसिक यातना देना, आम नागरिकों और सैनिकों में कोई अंतर न करना, नस्ली सफाया, दूसरे राष्ट्रों की भूमियों पर कब्ज़ा कर लेना, मस्जिदों और गिरजाघरों सहित सांस्कृतिक पहचानों को मिटा देना... जायोनियों और दाइश के मध्य समान व संयुक्त चीज़ें हैं।