सोमवार रात एक बयान में आईआरजीसी ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास पर इस्राईल के मिसाइल हमले में हज़रत जैनब सलामुल्लाह अलैहा के रौज़े की रक्षा करने वाले 7 ईरानी सैन्य सलाहकारों की शहादत की सूचना दी।
इस बयान में इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स ने इस आतंकवादी अपराध की कड़ी निंदा की और इस्लामिक क्रांति के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ इमाम ख़ामेनेई की सेवा में शहीदों की अनमोल शहादत पर बधाई और शोक व्यक्त किया।
दमिश्क में इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास के कांसुलर विभाग पर अवैध ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों द्वारा किए गए मिसाइल हमले में हज़रत ज़ैनब के रौज़े की रक्षा करने वाले ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद रज़ा ज़ाहेदी, ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद हादी हाजी रहीमी शहीद हुए जो पवित्र रक्षा के सीनियर कमांडरों और सीरिया में ईरान के वरिष्ठ सैन्य सलाहकारों में शामिल थे जबकि उनके साथ 5 अन्य कमान्डर, सैन्य सलाहकार और अधिकारी भी शहीद हुए।
दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर विभाग पर ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने सोमवार रात कहा कि तेहरान इस बात का फ़ैसला करेगा कि किस तरह जवाबी कार्यवाही की जाएगा और किस तरह से इस्राईल को दंडित किया जाएगा।
इस आतंकवादी हमले के बाद, सीरिया के विदेशमंत्री फ़ैसल मेक़दाद ने दमिश्क में ईरानी दूतावास में हाज़िर होकर ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से टेलीफोन पर बातचीत भी की।
इस टेलीफ़ोनी बातचीत में सीरिया के विदेश मंत्री ने दमिश्क में इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास के कांसुलर विभाग की इमारत पर इस्राईल के हमले को "अंतर्राष्ट्रीय नियमों, विशेष रूप से राजनयिक संबंधों पर हुए 1961 वियना कन्वेंशन का घोर उल्लंघन क़रार दिया।
इस टेलीफ़ोनी वार्ता में विदेशमंत्री अमीर अब्दुल्लाहियान ने इस आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री "बेन्यामीन नेतन्याहू" ग़ज़ा में हार की वजह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
सीरिया में ईरानी दूतावास की इमारत पर ज़ायोनी शासन के हवाई हमले की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद आज यानी मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक आयोजित करने जा रही है।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाने की अपील करते हुए कहा था कि ईरान ऐसे आतंकवादी कृत्यों का निर्णायक रूप से जवाब देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय चार्टर के आधार पर अपना वैध और व्यक्तिगत अधिकार सुरक्षित समझता है।
अब तक सीरिया, रूस, सऊदी अरब, क़तर, यूएई, यमन, कुवैत और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश इस आतंकी हमले की निंदा कर चुके हैं।
दूसरी ओर आज सुबह ही तेहरान में स्विस दूतावास के प्रभारी डी'एफ़ेयर को भी ईरान में अमेरिकी हितों के रक्षक के रूप में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री के अनुसार, स्वीस अधिकारी को दिए गये आपत्ति पत्र में आतंकवादी हमले के आयामों और इस्राईल शासन के अपराध के बारे में बताया गया और अमेरिकी सरकार की ज़िम्मेदारी पर ज़ोर दिया गया।
एक्स सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस आपत्ति पत्र में ज़ायोनी शासन के समर्थक के रूप में अमेरिकी सरकार को एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा गया था और कहा गया था कि अमेरिका को इसका जवाबदेह होना चाहिए।
हालिया वर्षों में अमेरिका के समर्थन से, ज़ायोनी शासन ने सीरिया के विभिन्न क्षेत्रों पर बारम्बार हमले किए हैं। ये हमले हालिया महीनों में खासकर 7 अक्टूबर और ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों के नए दौर की शुरुआत के साथ बढ़े हैं।
ईरान के कुछ सैनिक क़ुद्स फ़ोर्स के रूप में पश्चिम एशियाई क्षेत्र की सुरक्षा में मदद करने, सलाहकार सेवाएं प्रदान करने और आतंकवाद के ख़िलाफ युद्ध में सीरियाई सैन्य बलों की मदद करने विशेष रूप से आतंकवादी गुट आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में सहायता करने के लिए सीरिया में सीरियाई सरकार के आधिकारिक अनुरोध और निमंत्रण पर इस देश में मौजूद हैं।