ज़ायोनी सरकार के सुरक्षा अध्ययन संस्थान ने स्वीकार किया है कि इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान को इज़राइली सैन्य ठिकानों पर हमला करने से नहीं रोक सकते।
आईआरएनए के अनुसार, ज़ायोनी सरकार के सुरक्षा अध्ययन संस्थान ने स्वीकार किया है कि इज़राइल ने 200 मिसाइलों और 300 ड्रोनों के साथ एक अजीब रात देखी - ये मिसाइलें और ड्रोन आईआरजीसी द्वारा इज़राइल पर दागे गए थे इजरायली सरकार को नुकसान.
इजराइली मीडिया ने भी माना है कि इजराइल की सैन्य शक्ति का तिलिस्म टूट चुका है और ईरान ने जवाबी कार्रवाई कर इजराइल के मुकाबले अपनी हिम्मत और सैन्य तथा ऑपरेशनल ताकत साबित कर दी है और खेल के नियमों को बदल कर एक नया संतुलन थोपने की कोशिश कर रहा है क्षेत्र में-
"टाइम्स ऑफ़ इज़राइल" अखबार ने भी सीरिया में ईरानी दूतावास के कांसुलर अनुभाग पर ज़ायोनी हमले के कारण इज़राइल के जासूसी संगठन के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन की नाराजगी की सूचना दी और लिखा कि कोहेन ईरानी दूतावास के वाणिज्य दूत थे। यह वर्ग हमले का विरोध कर रहा था, जिसके परिणामस्वरूप आईआरजीसी कमांडरों की हत्या हुई और तेल अवीव और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया