बर्लिन सरकार द्वारा हड़पने वाली ज़ायोनी सरकार को राजनीतिक और सैन्य समर्थन की आलोचना करते हुए सिंथेसिस अवामी संगठनों ने मांग की है कि जर्मनी इसराइल को हथियारों की आपूर्ति बंद कर दे।
आईआरएनए, पैक्स क्रिस्टी, ऑक्सफैम, एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच वार्ता को समर्थन देने वाले संगठनों ने जर्मन चांसलर को लिखे अपने पत्र में मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करते हुए , लोगों के नरसंहार को रोकने के लिए गाजा जर्मनी के प्रभाव का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इन संगठनों ने चेतावनी दी है कि इज़राइल को जर्मन हथियार उपलब्ध कराने से फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है, और इज़राइल को ऐसे हथियारों और उपकरणों की आपूर्ति को रोकना आवश्यक है, जिनका उपयोग गाजा और पश्चिमी जॉर्डन में फिलिस्तीनी लोग कर सकते हैं के विरुद्ध प्रयोग किया जाए
संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद, जर्मनी इज़राइल को हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
यह स्पष्ट होना चाहिए कि गाजा में फ़िलिस्तीनियों की कब्ज़ा करने वाली ज़ायोनी सरकार द्वारा किए जा रहे नरसंहार और नरसंहारों के बारे में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी इस हद तक है कि गाज़ा के लोगों का नरसंहार पिछले सात महीनों से जारी है। सबसे ज्यादा बच्चे और महिलाएं किसे निशाना बनाया गया है? वहीं गाजा में फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि पिछले साल 7 अक्टूबर से अब तक गाजा के खिलाफ ज़ायोनी सरकार के क्रूर हमलों में 34,596 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं