भारत में जारी आम चुनाव के बीच अगर किसी समुदाय की सबसे ज़्यादा चर्चा है तो वह है मुसलमान। जहाँ सत्तारूढ़ दल पूरी तरह मुस्लिम समाज को निशाने पर रखे हुए हैं वहीँ विपक्ष भी इस समुदाय का वोट तो चाहता है लेकिन प्रतिनिधित्व किसी ने नहीं दिया।
गुजरात में इस बार 35 मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस बार किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। कांग्रेस ने राज्य में इस समुदाय से एक भी व्यक्ति को मैदान में नहीं उतारा है।
इस बार गुजरात की 26 सीटों में से 25 सीटों पर होने वाले लोकसभा चुनाव में 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2019 में इस समुदाय से 43 उम्मीदवार मैदान में थे। समुदाय के ज्यादातर उम्मीदवार या तो स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं या छोटी और क्षेत्रीय पार्टियों से मैदान में हैं।
गुजरात कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष वजीरखान पठान ने कहा, "पार्टी पारंपरिक रूप से राज्य में लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय से कम से कम एक उम्मीदवार को मैदान में उतारती है, खासकर भरूच से। इस बार यह संभव नहीं हो सका क्योंकि सीट AAP के खाते में चली गई।