कुवैत की बागडोर संभालने वाले अमीर शेख मिशाल ने कड़ा फैसला लेते हुए देश की संसद को भंग कर सारी शक्तियां और अधिकार अपने अधीन कर लिए हैं जिसकी वजह से देश में गंभीर राजनैतिक संकट खड़ा हो गया है।
राष्ट्रीय टीवी से अपने संबोधन में कुवैत नरेश ने संसद को भंग करने के साथ ही संविधान के कुछ अनुच्छेदों को भी निलंबित कर दिया। कहा गया है कि संविधान पर यह निलंबन चार साल से ज्यादा नहीं होगा। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का फिर से अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां कुवैत नरेश के पास होंगी।
83 वर्षीय कुवैती नरेश ने कहा, 'कुवैत हाल ही में कुछ कठिन समय से गुजर रहा है, जिससे देश को बचाने और अपने उच्चतम हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी की कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश के अधिकांश विभागों में भ्रष्टाचार फ़ैल गया जिस से देश का माहौल खराब हुआ है। दुर्भाग्य से भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक पहुंच गया, न्याय प्रणाली में भी भ्रष्टाचार होने की बात कही गयी है।