ग़ज़्ज़ा में 222 दिन से जनसंहार कर रहे ज़ायोनी शासन को अब तक अपने किसी भी उद्देश्य में कामयाबी नहीं मिली है। फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने अवैध राष्ट्र की चूलें हिला कर रख दी है।
ग़ज़्ज़ा पर हमले के बीच फिलिस्तीनी प्रतिरोधी दलों के हमले ने मक़बूज़ा फिलिस्तीन में ज़ायोनी कब्जाधारियों का सुकून छीन कर उन्हें खौफ और दहशत के साये में जीने के लिए मजबूर कर दिया।
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध द्वारा बड़े पैमाने पर रॉकेट हमले और उसके बाद मक़बूज़ा फिलिस्तीन में खतरे के सायरन गूंजने के बाद ग़ज़्ज़ा जनसंहार पर ख़ुशी मना रहे ज़ायोनी अतिक्रमणकारी शरणार्थी शिविरों की ओर भाग गए, जबकि अन्य लोग डर के कारण ज़मीन पर लेट गए।