मुस्लिम देशों की कमज़ोरी और अमेरिका की चौधराहट और उसके समर्थन से इस्राईल 7 महीने से अधिक समय से ग़ज़्ज़ा में जनसंहार करते हुए 37 हज़ार से अधिक बेगुनाह फिलिस्तीनियों का क़त्ले आम कर चुका है। वहीँ अफ्रीका में भी क़त्ले आम जारी है। सूडान संकट के बारूद पर बैठा है तो दूसरी तरफ अमेरिका और उसके घटकों के कारण ही रूस यूक्रेन संकट भी चरम पर है। ऐसे में ईरान ने खुद के साथ साथ इस्लामी देशों को भी मज़बूत करने की नीति पर योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू कर दिया है।
मध्य पूर्व के तीन देश परमाणु हथियारों से खुद को लेस करने का मन बना चुके हैं। मध्य पूर्व में अभी बस मक़बूज़ा फिलिस्तीन के ज़ायोनी शासन के पास विनाशकारी न्यूक्लियर वेपन हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ ईरान भी परमाणु बम बनाने के बहुत करीब पहुंच गया है। अब वो अपने परमाणु बम को दो और मुस्लिम देशों में विस्तार देना चाहता है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ ईरान, राष्ट्रपति रईसी के प्लान पर आगे बढ़ रहा है। रईसी की इस परमाणु रणनीति से पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका में हड़कंप मच गया है। दरअसल ईरान तुर्की और सऊदी अरब को परमाणु तकनीक देने का मन बना रहा है। भविष्य में ईरान इन दोनों देशों को परमाणु तकनीक दे सकता है।
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA ) की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के पास इतना संवर्धित यूरेनियम है कि वो 3 परमाणु हथियार बना सकता है। ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को बहुत ही सीक्रेट तरीके से आगे बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि ईरान परमाणु परीक्षण करने के बहुत करीब पहुंच चुका है। वो जल्द ही एटमी मिसाइल तैयार कर सकता है, इसके बाद ईरान तुर्की और सऊदी अरब को भी परमाणु तकनीक दे सकता है।