एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए इस्लामी लोकतंत्र ईरान के लोकप्रिय राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी की लोकप्रियता का अंदाज़ा यह था कि उन्हें अभी से इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर के संभावित उम्मीदवारों में गिना जाता था।
रईसी अजरबैजान सीमा के पास पहाड़ी इलाके में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए। हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, छह अन्य यात्री व चालक दल भी सवार थे। हादसे में सभी की मौत हो गई।
रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी पहेली बन चुका है। सवाल उठ रहे हैं कि रईसी की हत्या की गई या हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ? हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद कई ऐसे सुराग मिले हैं जो साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे दुनिया के कई देशों की खुफिया एजेंसियां हो सकती हैं।
आजरबैजानी सीमा में मोसाद के कई सीक्रेट ठिकाने हैं। खास बात यह है कि रईसी का हेलिकॉप्टर 40 से ज्यादा साल पुराना था। मोसाद इसके सिस्टम को आसानी से हैक कर सकता है और आशंका है कि मोसाद ने हेलिकॉप्टर पर इलेक्ट्रॉनिक हमला किया हो।
माना जा रहा है कि यह हमला हेलिकॉप्टर के नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम पर किया गया होगा। मोसाद ने इलेक्ट्रॉनिक हमला करके हेलिकॉप्टर का सैटेलाइट कनेक्शन काट दिया होगा। इस हमले से हेलिकॉप्टर का कम्युनिकेशन सिस्टम ठप हो गया। इसके बाद हेलिकॉप्टर तय रूट से भटककर बहुत दूर चला गया होगा। कंप्यूटर सिस्टम ठप होने से पायलट को ऊंचाई का अंदाजा नहीं लगा होगा और पहाड़ी से टकराकर क्रैश की आशंका जताई जा रही है।
मलबा मिलने के बाद सामने आए वीडियो साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं, इसका एक प्रमाण यह भी है कि हेलिकॉप्टर के टुकड़े काफी छोटे हैं और मलबा बड़े इलाके में फैला है इसलिए आशंका जताई जा रही है कि हेलिकॉप्टर में पहले ब्लास्ट हुआ और विस्फोट से छोटे छोटे टुकड़े होने के बाद वो पहाड़ी पर गिरा।
हेलीकॉप्टर क्रैश से पहले पायलट ने कोई आपातकालीन संदेश नहीं दिया, क्या हेलिकॉप्टर में अचानक धमाका हुआ? अजरबैजान से तीन हेलिकॉप्टर एक साथ उड़े, लेकिन राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर ही खराब मौसम का शिकार क्यों हुआ? अंतिम समय पर विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान को रईसी के हेलिकॉप्टर में क्यों बैठाया गया, क्या दोनों रईसी और अब्दुल्लाहियन साजिश का प्राइम टारगेट थे? क्या यह तय हो चुका था कि बेल 212 को क्रैश किया जाएगा?
ग़ज़्ज़ा जनसंहार के बीच ज़ायोनी शासन के साथ ईरान के खराब रिश्ते और अप्रैल के महीने में मक़बूज़ा फिलिस्तीन पर ईरान के हमलों के बाद यह तय था कि इस्राईल का टारगेट ईरान का पूरा सिस्टम है। ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के लक्ष्य पूर्ति में ईरान सबसे बड़ा बाधक है और अमेरिका की अरब नीति में भी सबसे बड़ी अड़चन तेहरान ही है। इसीलिए आशंका जताई जा रही है कि रईसी के हेलिकॉप्टर को साजिश के तहत गिराया गया है।