ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की ओर से जारी जनसंहार के बीच अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने मिस्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह दुनियाभर को बेवक़ूफ़ बना रहा है तथा हमास और इस्राईल के बीच हुए समझौते के प्रस्ताव की शर्तों को बदल दिया। इस प्रस्ताव में ज़ायोनी बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के साथ अस्थाई रूप से युद्ध को समाप्त करने की बात कही गई थी।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और कतर का मानना है कि इस्राईल के बाद हमास ने छह मई को जिस युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, वह प्रस्ताव इस्राईल के सामने पेश हुए प्रस्ताव से बिल्कुल अलग था। मिस्र के अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव में किए गए बदलाव को पहले नहीं बताया गया था, इससे अमेरिका, कतर और ज़ायोनी शासन में गुस्से की लहर फैल गई।
एक सूत्र के मुताबिक़ ऐसा लगता है हम सब ठगे गए। मिस्र ने जब समझौते की शर्तों को बदला अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक बर्न्स उसी क्षेत्र में उपस्थित थे।
रिपोर्ट के मुताबिक़ मिस्र के वरिष्ठ खुफिया अधिकारी अहमद अब्दुल खालिक इन परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने इस समझौते को लेकर ज़ायोनी शासन को अलग बात बताई और हमास से कुछ और कहा।