फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने गुरुवार को एक बयान जारी करके बताया कि इस्राईली महिला क़ैदियों के बारे में सोशल मीडिया पर जो वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, वह डॉक्टर्ड और फ़ेक है।
इस बयान में कहा गया हैः इस वक़्त इस तरह के वीडियो के जारी करने का मक़सद साहसी फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के प्रतिरोध को बदमान करना है, हालांकि इस तरह के झूठे प्रोपैगंडे की पहले भी कई बार पोल खुल चुकी है।
हमास का कहना है कि वीडियो में इस्राईली महिला सैनिकों को एक सैन्य अड्डे में देखा जा सकता है, जहां उन्हें ग़ज़ा के प्रतिरोधी गिरफ़्तार कर लेते हैं, हालांकि वे उस वक़्त वर्दी में नहीं हैं, क्योंकि ग़ज़ा के प्रतिरोधी संगठनों ने 7 अक्तूबर की सुबह ऑप्रेशन किया था, जो इस्राईल में छुट्टी का दिन था।
बयान में कहा गया है कि वीडियो में काफ़ी कांट-छांट की गई है और उसे इस तरह से एडिट किया गया है कि महिला सैनिकों के साथ ज़बरदस्ती के इस्राईल के झूठे दावे को सच्चा साबित किया जा सके।
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि अंग्रेज़ी में अनुवाद में काफ़ी बदलाव किया गया है और लफ़ज़ों के साथ छेड़-छाड़ की गई है, जबकि ऐसे शब्द प्रतिरोधियों की ज़बान से कभी नहीं सुने जा सकते। अनुवाद में छेड़छाड़ से पता चलता है कि असली वीडियो के साथ क्या हाल किया गया होगा।
अल-मयादीन की रिपोर्ट के मुताबिक़, हमास का कहना है कि एक दो महिला सैनिकों के चेहरे या कपड़ों पर ख़ून के धब्बे, इस तरह के ऑप्रेशन में एक सामान्य सी बात है, जबकि इसमें किसी भी महिला सैनिक के साथ छेड़-छाड़ या उसका रेप नहीं किया गया है।
बयान में कहा गया है कि महिला सैनिकों के साथ प्रतिरोध के नैतिक सिद्धांतों के मुताबिक़ बर्ताव किया गया था और उनके साथ किसी तरह की हिंसा या उनका अपमान नहीं किया गया, जबकि वह ग़ज़ा की सीमा पर सैकड़ों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मौत का कारण बनीं।
आख़िर में उल्लेख किया गया कि क़ैदियों के आदान-प्रदान के वक़्त जितने भी वीडियो और फ़ोटो जारी किए गए हैं, उनमें देखा जा सकता है कि ग़ज़ा में क़ैदियों के साथ सम्मानजक बर्ताव किया गया, जबकि इस्राईल की जेलों में फ़िलिस्तीनी महिलाओं और पुरुषों को बर्बरता और अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ता है।
इन दिनों इस्राईली मीडिया में एक वीडियो ख़ूब वायरल किया जा रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि फ़िलिस्तीनी लड़ाके पांच महिला सैनिकों को पकड़ ले जा रहे हैं। बुधवार को एक अमरीकी न्यूज़ एजेंसी ने भी 7 अक्तूबर को इस्राईली महिलाओं के साथ रेप के आरोपों को निराधार बताया था।
इस बारे में एसोशिएटेड प्रेस ने लिखाः जैसा कि इस्राईल ने सात अक्तूबर के ऑप्रेशन के दौरान महिलाओं के साथ रेप के आरोप लगाए थे और उसका जमकर प्रचार किया था, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।