एक जर्मन महिला को फिलिस्तीन के समर्थन और इस्राईल के युद्ध अपराधों का विरोध उस समय भारी पद गया जब जर्मनी की एक अदालत ने इस महिला को कठोर सज़ा सुनाई।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमले के बाद बर्लिन में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें एक 22 साल की महिला ने फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए थे। इस नारे को नवंबर में गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया, जिसको लेकर अब अदालत ने महिला को सजा सुनाई है।
अदालत ने इस घटना पर फैसला करते हुए कहा कि जंग के शुरू होने के तुरंत ही इस तरह के नारे लगाने का मतलब अवैध राष्ट्र के अस्तित्व का खंडन और हमास के हमले को सपोर्ट करना माना जा सकता है।
एवा ने फिलिस्तीन के समर्थन में 11 अक्टूबर को किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान नारे लगाए थे। एवा ने नारा लगाते हुए कहा था कि "from the river to the sea, Palestine will be free" इस स्लोगन का अर्थ फिलिस्तानियों की आजादी से है।
बर्लिन में इस तरह के नारे बैन किए गए हैं। अदालत में अब इस मामले में फैसला सुनाते हुए उस पर 600 यूरो यानी 60 हजार से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया है। एवा के वकील अलेक्जेंडर गोर्स्की ने अदालत के इस फैसले को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए ब्लैक डे बताया है।