तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने कहा कि ईरान में ग्यारवहें राष्ट्रपति चुनावों के शानदार आयोजन से इस्लामी क्रान्ति के शत्रुओं पर निराशा छा गई।
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में 14 जून के वैभवशाली चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि इस साल चुनावों में जनता की भारी उपस्थिति से शत्रुओं के इन दावों की वास्तविकता सामने आ गई कि ईरानी जनता चुनावो में भाग नहीं लेना चाहती। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 के चुनावों के बाद शत्रुओं को थोड़ी बहुत सफलता मिल गई थी जिसके आधार पर वह इस अवधारणा में थे कि विषैले प्रचारों द्वारा वे ईरानी जनता को चुनाव से दूर रखने में सफल हो जाएंगे किंतु पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं की लंबी लंबी क़तारों से शत्रु के सारे षडयंत्र विफल हो गए और वह स्वयं भी ईरानी जनता के इस राजनैतिक कारनामे को स्वीकार करने पर विवश हो गया।
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने मिस्र में शीया धर्म गुरू हसन शहाता और उनके साथियों पर चरमपंथी वहाबियों के हमले की निंदा की और कहा कि यह निर्मम अपराध पैग़म्बरे इस्लाम के आगमन से पूर्व अज्ञानता के काल की घटनाओं की याद दिलाते हैं और यह इस्लामी जगत के लिए ख़तरे की घंटी है।