मिस्र इस्लामी जागरूकता का केन्द्रः आयतुल्लाह ख़ातेमी

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मिस्र इस्लामी जागरूकता का केन्द्रः आयतुल्लाह ख़ातेमीआयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने मिस्र को इस्लामी जागरूकता का केन्द्र बताया है। तेहरान में जुमे की नमाज़ के भाषण में उन्होंने कहा कि मिस्र, इस्लामी जागरूकता का केन्द्र है और पिछले वर्ष इस देश की जनता ने मतदान के दौरान इस्लामवादियों को वोट दिया था किंतु जिन लोगों ने मिस्र में सत्ता संभाली उन्हीं लोगों ने इस देश में सैनिक विद्रोह की भूमिका प्रशस्त की। आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने मिस्री जनता से मांग की है कि वह इस्लामी जागरूकता की रक्षा करे और इस बात की कदापि अनुमति ने दे कि उनका देश, मिस्र के पूर्व तानाशाह हुस्नी मुबारक के काल की भांति ज़ायोनी शासन का घरआंगन बन जाए। आयतुल्लाह अहमद जन्नती ने आगे कहा कि मिस्र में जिन लोगों ने सरकार का गठन किया था उनका आरंभ में तो यह नारा था कि ज़ायोनी शासन का विरोध किया जाएगा किंतु बाद में उन्होंने सत्ता में पहुंचते ही ज़ायोनी शासन से मित्रता की और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में अपना राजदूत भेजा। आयतुल्लाह ख़ातेमी ने मिस्र के एक वरिष्ठ शीया धर्मगुरू शेख हसन शहाता की शहादत का एक उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रिटेन ने ही उस वहाबी विचारधारा की आधारशिला रखी जो आज निर्दोष लोगों का ख़ून बहाकर स्वयं को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इस बात की आशा की जाती है कि सुन्नी संप्रदाय के धर्मगुरू इस बात की घोषणा करेंगे कि वहाबी विचारधारा का इस्लामी शिक्षाओं से कोई संबन्ध नहीं है। आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने कहा कि १४ जून के राष्ट्रपति चुनाव में जनता ने बढ़चढ कर भाग लिया और इस चुनाव में ७२ प्रतिशत मतदाना ने साम्राज्यवादियों के षडयंत्रों को विफल बना दिया।

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