ईद मिलादुन्नबी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है उनका जीवन इस्लामिक शिक्षाओं का आदर्श है जो इंसानियत दया न्याय और समानता पर आधारित है।
दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय द्वारा ईद मिलादुन्नबी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है जो पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
इस्लाम धर्म के प्रवर्तक और अंतिम नबी, पैगंबर मोहम्मद साहब ने इंसानियत और धार्मिकता की अद्वितीय मिसाल पेश की उनका जीवन इस्लामिक शिक्षाओं का आदर्श है जो इंसानियत, दया, न्याय और समानता पर आधारित है।
हज़रत पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म 12 रबी अलअव्वल को हुआ था यही तारीख पैगंबर साहब की मृत्यु का दिन भी माना जाता है इस वजह से इसे बारा वफात के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है "मृत्यु की बारहवीं तारीख,इस मौके पर मुसलमान पैगंबर मोहम्मद के जीवन उनके संदेश और इस्लाम के प्रति उनके योगदान को याद करते हैं।
हज़रत पैगंबर मोहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था उनके जीवन का हर पहलू इंसानियत के लिए एक वरदान के रूप में देखा जाता है मोहम्मद साहब ने एक ऐसे समय में इस्लाम का प्रचार किया जब समाज में अन्याय, असमानता और अज्ञानता का बोलबाला था उन्होंने सच्चाई, करुणा, भाईचारा और अल्लाह में अटूट विश्वास का संदेश फैलाया।
उनके जीवन के मुख्य उद्देश्य में मानवता के कल्याण और सामाजिक सुधार शामिल थे वे गरीबों और कमजोरों के हक में आवाज उठाते थे और हर इंसान के साथ समानता और न्याय की बात करते थे उनका जीवन सादगी और धैर्य का प्रतीक था।