अफ़ग़ानिस्तान में लगातार आतंकी हमलों और तालिबान शासन के दमन का शिकार हो रहे शिया समुदाय ने तालिबान को अपने रवैये में बदलाव लाने के लिए कहा है। अब तालिबान को दो टूक शब्दों में अफगान शिया उलमा काउंसिल के सदस्यों ने कहा है कि शिया समुदाय अपनी जायज मांगों से पीछे नहीं हटेगा, हमारी मांगें उचित हैं और इस्लामी शरिया ने हमे यह अधिकार दिए हैं।
अफ़ग़ानिस्तान में शिया समुदाय के अतीत का उल्लेख करते हुए हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन सय्यद हुसैन आलमी बल्खी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शिया समुदाय का इतिहास बहुत पुराना है खुद हज़रत अली अ.स. ने यहाँ के लोगों के लिए संदेश भेजा था जिसके बाद लोगों ने इस्लाम और शिया मज़हब क़ुबूल किया।
उन्होंने कहा कि अफगानी शिया इस्लामी समाज और मुसलमानों के हितों के प्रति धैर्यवान है और इसी आधार पर जब इस देश में नई सरकार की स्थापना हुई तो शिया बुजुर्गों ने इस्लामी अमीरात (तालिबान) के साथ बातचीत का रास्ता अपनाया टकराव का नहीं।
आलमी बल्खी ने तालिबान सरकार से साफ तौर पर कहा कि वह अफगान शियाओं की मांगों पर ध्यान दे और इन मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे, क्योंकि इससे अफगानिस्तान की मौजूदा व्यवस्था मजबूत होगी और इस देश में भाईचारा और मजबूत होगा।