इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अमरीकी अविश्वसनीय और अतार्किक हैं तथा व्यवहार में वे सच्चे नहीं हैं। आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने तेहरान में रविवार की रात इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों के साथ भेंट में यह बात कही। उन्होंने हालिया दिनों में अमरीकियों की ओर से ईरान के साथ वार्ता के बयानों के संदर्भ में कहा कि मैंने इस वर्ष के आरंभ में भी कहा था कि अमरीका के साथ वार्ता के प्रति मैं आशावादी नहीं हूं। वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि मैंने विगत वर्षों में विशेष विषयों जैसे इराक़ के बारे में वार्ता को मना नहीं किया था। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान अमरीकी अधिकारियों की ओर से अपनाई गई नीति ने पुनः उनके प्रति आशान्वित न होने की आवश्यकता की पुष्टि की है। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि हम सदैव ही अन्य देशों के साथ अच्छे संबन्धों के पक्षधर रहे हैं किंतु इस संदर्भ में महत्वपूर्ण बिंदु, सामने वाले पक्ष की पहचान और उसके लक्ष्यों को समझना है क्योंकि यदि उसको उचित ढंग से नहीं पहचाना गया तो क्षति उठानी पड़ सकती है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि विश्व के देशों के साथ संबन्धों में अपने शत्रु के क्रियाकलापों को भूलना नहीं चाहिए चाहे उन्हें कारणवश हम प्रकट न करे। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने स्पष्ट किया कि कुछ पश्चिमी और क्षेत्र की कुछ कमज़ोर सरकारों के नेताओं के वर्चस्व ने ईरानी राष्ट्र के मुक़ाबले में एसा व्यापक मोर्चा खोल दिया है जो अभी तक किसी भी देश के सामने नहीं था। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान की एतिहासिक वास्तविकताओं और वर्तमान परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था एवं वैज्ञानिक प्रगति को देश के समस्त अधिकारियों की प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने ईरानी राष्ट्र के साथ ईश्वर की निरंतर सहायता की ओर संकेत करते हुए कहा कि उसकी हालिया विभूति, राष्ट्रपति चुनावों में जनता की भव्य उपस्थिति थी जिसके प्रभाव धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों में सामने आएंगे।