हिज़्बुल्लाह के महासचिव शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शोक संदेश देते हुए देश भर में 5 दिन के शोक का ऐलान किया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि अज़ीम मुजाहिद, प्रतिरोध के अलमदार, फ़ज़ीलतों वाले अलीम और राजनैतिक चिंतक सय्यद हसन नसरुल्लाह ने जामे शहादत नोश किया।
उन्होंने कहा कि मोहतरम सय्यद ने एक मुक़द्दस जंग में कई दशकों तक अल्लाह की राह में जिहाद करने का अज़ीम सिला पाया। वह उस समय शहीद हुए जब बैरुत के उप नगरों में बेघर लोगों, और उनके बिछड़े प्रियजनों की रक्षा के लीये रणनीति बना रहे थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे वह कई दशकों से फिलिस्तीन की मज़लूम जनता की रक्षा के लिए रणनीति बनाते रहे जिनके शहरों और ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किया गया और उनके प्यारों का क़त्लेआम किया गया। शहीद नसरुल्लाह उनके लिए लड़ रहे थे। इतनी मेहनत, संघर्ष और जिहाद का सिला और इनाम तो शहादत ही था।
इस्लामी दुनिया ने एक महान हस्ती और प्रतिरोधी मोर्चे ने एक अज़ीम अलमदार को खो दिया है जबकि हिज़्बुल्लाह एक बेमिसाल लीडर से वंचित हो गया लेकिन कई दशकों तक जारी रहे उनके जिहाद की बरकतें कभी खत्म नहीं होंगी।
उन्होंने लेबनान में जिस प्रतिरोध की बुनियाद रखी और उसे प्रतिरोध के दूसरे केंद्रों तक पहुँचाने में अहम् किरदार निभाया वह शहीद और उनके दूसरे साथियों की शहादत के साथ यही नहीं कि खत्म नहीं होंगी बल्कि और मज़बूत होगी। अतिक्रमणकारी अवैध राष्ट्र पर प्रतिरोधी मोर्चे के हमले और तेज़ होंगे। इस घटना के बाद भी इस्राएल को कामयाबी नहीं मिलेगी।
शहीद नसरुल्लाह सिर्फ एक हस्ती नहीं थे बल्कि वह एक विचारधारा और एक रास्ता थे जो जारी रहेगा। शहीद अब्बास मूसवी का ख़ून बर्बाद नहीं हुआ न ही सय्यद हसन नसरुल्लाह का ख़ून रायगां जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं शहीद सय्यद की पत्नी, जिन्होंने अपने बेटे सय्यद हादी को भी खुदा की राह में कुर्बान कर दिया, शहीद के बच्चों और इस घटना में शहीद होने वालों के परिवार, हिज़्बुल्लाह के प्रत्येक सदस्य को सय्यद नसरुल्लाह और उनके साथियों की शहादत पर लेबनान के प्रिय लोगों और उच्चाधिकारियों और सभी प्रतिरोधी मोर्चों और पूरी इस्लामी उम्मत को मुबारकबाद और तसलियत पेश करता हूँ।
मैं इस्लामी ईरान में पांच दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा करता हूं। अल्लाह उन्हें अपने औलिया के साथ महशूर करे।
सय्यद अली ख़ामेनेई
28 सितंबर 2024