ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री से टेलीफ़ोन पर बातचीत में इस बात पर ज़ोर दिया कि ईरान का मिसाइल ऑप्रेशन इज़राइल की क्रूरता को रोकने के लिए किया गया था।
डच प्रधानमंत्री डिक शूफ़ से फ़ोन पर बात करते हुए इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने फ़िलिस्तीन में इज़राइल के अपराधों का ज़िक्र करते हुए ज़ायोनी शासन को क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता वृद्धि का कारण क़रार दिया।
इस टेलीफ़ोनी बातचीत में श्री पिज़िश्कियान ने कहा कि ईरान ने ग़ज़ा में युद्धविराम स्थापित करने के प्रयासों के कामयाब होने की उम्मीद करते हुए, ज़ायोनी शासन के आतंकवादी अपराधों पर ईरान की जवाबी कार्यवाही और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता के उल्लंघन को नज़रअंदाज कर दिया।
उनका कहना था कि ज़ायोनी शासन पर इस्लामी गणतंत्र ईरान का मिसाइल हमला, इस शासन की क्रूरता को रोकने और संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के के आधार पर क्षेत्र में उसके अपराधों और हमलों को फैलाने के प्रयासों को रोकने के लिए किया गया था जो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनी ढांचे पर अमल करते हुए केवल सैन्य लक्ष्यों के विरुद्ध किया गया था।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति का कहना था कि ज़ायोनी शासन ने ग़जा में अपनी नाकामियों की भरपाई करने और क्षेत्र में तनाव और संघर्ष फैलाने के उद्देश्य से तेहरान में ईरान के मेहमान की हत्या कर दी और पश्चिमी देश विशेषकर अमेरिका ने ज़ायोनियों के अपराधों और आतंकवादी कृत्यों की निंदा करने के बजाय, ईरान से लगातार संयम बरतने को कहा।
राष्ट्रपति ने दुनिया के सभी देशों के साथ संबंधों के संतुलित विस्तार के लिए सरकार की नीतियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र हर एक से बेहतर जानता है कि युद्ध, प्रतिबंध और तनाव के हालात में कभी भी विकास का रास्ता तय नहीं किया जा सकता इसीलिए तेहरान कभी भी युद्ध, संघर्ष और तनाव की कोशिश में नहीं रहा है।