ईरान के राष्ट्रपति डा᳴क्टर पिज़िश्कियान ने कहा है कि पश्चिमी देशों का समर्थन ज़ायोनी सरकार के अपराधों के जारी रहने का कारण है।
डाक्टर पिज़िश्कियान ने आज बुधवार को रूस की अपनी यात्रा के कार्यक्रम को जारी रखते हुए इथोपिया के प्रधानमंत्री श्री आबी अहमद से मुलाक़ात के दौरान कहा कि मैंने राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरता के साथ अपने देश में और दूसरे देशों के साथ सहयोग को मज़बूत करने के नारे के साथ चुनावी प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और मुझे राष्ट्रपति चुना गया और लोगों ने मेरे इस व्यवहार को पसंद किया।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि ज़ायोनी सरकार ने हमारे आधिकारिक कार्यकाल के पहले दिन ही इस्लामी गणतंत्र ईरान के आधिकारिक मेहमान इस्माईल हनिया को शहीद करके हमारे उद्देश्यों के मार्ग में विघ्न उत्पन्न कर दिया।
डाक्टर पिज़िश्कियान ने कहा कि ईरान ने इस उम्मीद के साथ ज़ायोनी सरकार के अपराधों के मुक़ाबले में संयंम से काम लिया कि ग़ज़ा पट्टी में शांति स्थापित होगी परंतु ग़ज़ा पट्टी और लेबनान तक उसके अपराध फ़ैल गये और उसके इन अपराधों ने हमें जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देशों का समर्थन ज़ायोनी सरकार के अपराधों के जारी रहने का कारण है और अगर ज़ायोनी सरकार ने ग़लती की और इस्लामी गणतंत्र ईरान के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही की तो करारा और अविश्वसनीय जवाब मिलेगा। साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि हम क्षेत्र में लड़ाई और तनाव में वृद्धि के बिल्कुल भी इच्छुक नहीं हैं और शांति व सुरक्षा की दिशा में हम हर क़दम का स्वागत करते हैं परंतु ज़ायोनी सरकार की कार्यवाहियां पूरे क्षेत्र में युद्ध की आग देने के लक्ष्य से अंजाम पाती हैं। अतः दूसरे देशों विशेषकर पश्चिमी देशों के लिए ज़रूरी है कि वे इस अतिक्रमणकारी सरकार को नियंत्रित करें।
इथोपिया गणराज्य के प्रधानमंत्री ने भी इस मुलाक़ात में कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान इथोपिया में जाना पहचाना है और दोनों देशों के संबंधों से हमारे लोगों के ज़ेहनों में सकारात्मक यादें मौजूद हैं और हम आप के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों की प्रक्रिया को चिंता की दृष्टि से देखते हैं।
इथोपिया के प्रधानमंत्री आबी अहमद ने इसी प्रकार कहा कि ईरान एक मज़बूत और स्वाधीन देश है और इस समय दुनिया की जो व्यवस्था है वह असंतुलित है और ब्रिक्स जैसे संगठन इस असमानता को दूर करने में बहुत प्रभावी हैं।