इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान की इस्लामी व्यवस्था को धार्मिक प्रजातंत्र बताया है। वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी के राष्ट्रपति पद के पुष्टि समारोह में कहा कि ईरानी राष्ट्र ने इस्लामी क्रांति की सफलता से पहले लोकतंत्र का अनुभव नहीं किया था। वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान में लोकतंत्र समस्त मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध शत्रुओं के प्रतिबंधों के बारे में कहा कि प्रतिबंधों के दौरान जनता और ईरानी अधिकारियों ने महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान अनुभव अर्जित किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध एक पाठ हैं कि हमें देश की प्रगति पर भरोसा करना चाहिये। उन्होंने बल देकर कहा कि पश्चिम ईरानी राष्ट्र की वैज्ञानिक प्रगति को न रोक सका। वरिष्ठ नेता ने दो अगस्त को होने वाले विश्व कुद्स दिवस के अवसर पर होने प्रदर्शनों एवं रैलियों में जनता की भव्य उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरानी जनता ने अपनी भव्य उपस्थिति को विश्व वासियों के समक्ष दर्शा दिया और क़ुद्स तथा जायोनी शासन के मुकाबले में अपने दृष्टिकोण की घोषणा कर दी।