राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह का विस्तृत ब्योरा

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राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह का विस्तृत ब्योराईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी का शपथ ग्रहण समारोह थोड़ी देर पहले संसद भवन में संपन्न हुआ जिसमें विश्व के बहुत से देशों के राष्ट्राध्यक्षों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता संसद सभापति ने की। उन्होंने नये राष्ट्रपति को बधाई देते हुए कहा कि हालिया राष्ट्रपति चुनाव में जनता की 73 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी, इमाम ख़ुमैनी के नेतृत्व में अस्तित्व में आने वाली क्रांति के परिणाम में सामने आने वाली इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था का शानदार नमूना है।

संसद सभापति के भाषण के बाद न्यायपालिका के प्रमुख आयतुल्लाह सादिक़ आमुली लारीजानी ने निर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई देते हुए कहा कि देश में नया राजनैतिक दौर आरंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लामी व्यवस्था में क़ुरआनी और इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार मनुष्य के अधिकारों पर सबसे अधिक ध्यान दिया गया है और ईरान में हर जाति और संप्रदाय के लोगों को समान अधिकार प्राप्त हैं। न्याय पालिका के प्रमुख के बाद राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आपके सामने शपथ ग्रहण करने के बाद अब हमने बहुत भारी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली है।

उन्होंने कहा कि ईरानी जनता ने पिछले चौदह जून के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी राजनैतिक होशियारी का शानदार नमूना पेश किया और इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की लोकतांत्रिक व्यवस्था को विश्व के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि जनता के चयन और वरिष्ठ नेता की पुष्टि के बाद में जनता की सेवा पर आधारित अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करूंगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की ज़िम्मेदारी होगी कि वह जनता के समान अधिकारों को उनके लिए सुनिश्चित करे और हम ईरान के सभी वर्ग के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने विदेश नीति के संबंध में कहा कि ईरान क्षेत्र में शांति और स्थिरता का इच्छुक है।

उन्होंने कहा कि ईरान शांति और सुरक्षा का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश में ज़ोर ज़बरदस्ती सरकार के परिवर्तित किए जाने के विरोधी हैं और हम किसी भी देश के विरुद्ध सैन्य अतिक्रमण के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि आज कोई भी देश अपनी सुरक्षा को दूसरे देशों में संकट उत्पन्न करके सुनिश्चित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हम क्षेत्र और विश्व के सभी देशों के साथ परस्पर द्विपक्षीय सम्मान के आधार पर अपने संबंधों को विस्तृत करने पर विश्वास रखते हैं। उन्होंने ईरान पर लगे प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए कहा कि ईरानी जनता को प्रतिबंधों और धमकियों से घुटने टेकने पर विवश नहीं किया जा सकता।

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