सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई की इमामत में अदा की गई ईदुल फ़ित्र की नमाज़।

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तेहरान में ईद की नमाज़ इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई की इमामत में अदा की गयी, ईद की नमाज़ के बाद अपने ख़ुत्बे में इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने पश्चिमी एशिया ख़ास कर फिलिस्तीन की घटनाओं को चिंताजनक बताया है।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने फिलिस्तीन की घटनाओं पर जहां पिछले ६५ वर्षों से अत्याचार जारी है, चिंता प्रकट की है। उन्होंने घरों को ध्वस्त किये जाने, बच्चों को उनके माँ बाप से अलग किये जाने, बंदियों की संख्या में बढ़ोत्तरी और सब से अधिक दुखदायी, पश्चमी देशों के समर्थन को फिलिस्तीनियों की समस्याओं में से बताया।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस बात पर बल देते हुए मानवाधिकारों की रक्षा का दावा करने वाले देश, ज़ायोनियों के अपराधों का समर्थन करते हैं, कहा कि तथाकथित शांति वार्ता का नाकामी के अतिरिक्त कोई नतीजा नहीं निकलेगा और निश्चित रूप से साम्राज्यवादियों का नया षडयंत्र, फिलिस्तीनियों के लिए ही हानिकार होगा।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने इसी तरह मिस्र के आंतरिक हालात की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस देश में गृहयुद्ध की आशंका दिन प्रतिदिन प्रबल होती जा रही है और यह एक त्रासदी है। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने मिस्र में विदेशियों के हस्तक्षेप की ओर से चेतावनी देते हुए कि जिसका एकमात्र नतीजा इस देश की जनता की हानि के रूप में निकलेगा, मिस्र के राजनीतिक व धार्मिक दलों को सिफारिश की कि वह अपने देश के मामलों में विदेशियों को हस्तक्षेप न करने दें।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इराक़ के हालात के बारे में कहा कि इस देश में इस्लामी व प्रजातांत्रिक मापदंडों के आधार पर एक सरकार का गठन हुआ और चूंकि पश्चिमी देश, इराक में शांति व स्थिरता के इच्छुक नहीं हैं इस लिए वे हथियार और डालर द्वारा इराक़ को अशांत बना और इस देश के हुकूमती ढांचे को तबाह कर रहे हैं।

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