तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा है कि नई सरकार की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी जनता की सेवा करना तथा विभिन्न विभागों में योग्य व सक्षम लोगों को प्रयोग करना है।
तेहरान विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित केन्द्रीय नमाज़े जुमा का ख़ुतबा देते हुए आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की सरकार के मंत्रियों का दायित्व बहुत भारी है और मंत्रीमंडल में शामिल लोगों को चाहिए कि अपने दायित्वों के निर्वाह का भरपूर प्रयास करें तथा अपने अपने मंत्रालयों पर संपूर्ण दृष्टि रखें। आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने कहा कि मंत्रियों को चाहिए कि अपने अपने मंत्रालयों में निष्ठावान और योग्य लोगों का चयन करें तथा जनता की अपेक्षाओं पर पूरा उतरने का प्रयास करें।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में मिस्र में जारी झड़पों और जनसंहार पर गहरा दुख जताया और इस देश के बुद्धिजीवियों तथा धर्मगुरुओं से अपील की कि आगे बढ़कर रक्तपात की रोकथाम करें। उन्होंने मिस्री सेना की नीतियों और कार्यवाहियों की आलोचना करते हुए सैनिक अधिकारियों को सुझाव दिया कि तार्किक दृष्टिकोण अपनाएं तथा जनता की दृष्टि में स्वयं को और घृणित होने से बचाएं। आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने मिस्र में जारी घटनाओं में साम्राज्यवादी शक्तियों की संलिप्तता को निश्चित बताते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में मिस्री संगठनों और दलों के बीच वार्ता आरंभ करवाने की आवश्यकता है।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने 65 साल से फ़िलिस्तीन पर ज़ायोनियों के क़ब्ज़े का हवाला देते हुए कहा कि इस अवधि में फ़िलिस्तीनियो को हमेशा अत्याचार और यातनाओं का निशाना बनाया गया और लोकतंत्र तथा मानवाधिकार के दावे करने वाले पश्चिमी देश न केवल यह कि इन अपराधों के मूक दर्शक बने रहे बल्कि उन्होंने अनेक अवसरों पर इस्राईल की आपराधिक कार्यवाहियों का समर्थन भी किया। आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने ज़ायोनियों के साथ फ़िलिस्तीनी प्रशासन की वार्ता फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध ज़ायोनियों के जघन्य अपराधों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया और कहा कि फ़िलिस्तीनी जाग चुके हैं और इस वार्ता को उन्होंने रद्द कर दिया है जिसमे उनका कोई भी वास्तविक प्रतिनिधि शामिल नहीं है।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने लेबनान की राजधानी बैरूत में बृहस्पतिवार की रात होने वाले धमाके की भर्त्सना की और इसे एक त्रासदी का नाम दिया।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने पवित्र नगर मदीना में स्थित जन्नतुल बक़ी क़बरिस्तान में चरमपंथी वहाबियों के हाथों शीया समुदाय के चार इमामों के मज़ार ध्वस्त किए जाने की घटना की बर्सी को इस्लामी जगत और विशेष रूप से शीया समुदाय के लिए बहुत बड़ी मुसीबत और दुखा का दिन ठहराया। उन्होंने कहा कि चरमपंथी तकफ़ीरी संगठन पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजनों की मोहब्बत लोगों के दिलों से कभी भी मिटा नहीं पाएंगे।