सर्वे कमिश्नर की रिपोर्ट पर लगी मुहर खोलने का आदेश दिया, मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया, तब तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
संभल की जामा मस्जिद के सर्वे से यूपी समेत पूरे देश में बिगड़े हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ संज्ञान लिया, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के मकसद से जामा मस्जिद के किसी भी नए सर्वे पर रोक लगा दी। साथ ही कई अहम निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को निर्देश दिया है कि हाई कोर्ट से स्पष्ट निर्देश मिलने तक वे इस मामले में कोई कार्रवाई न करें।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मस्जिद समिति की अपील पर सुनवाई करते समय यह स्पष्ट था कि समिति को अपनी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने का अवसर मिलना चाहिए, चाहे वह उच्च न्यायालय हो या निचली अदालत। इसलिए, मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और सद्भाव को प्राथमिकता देते हुए, हम ये आदेश जारी कर रहे हैं कि मस्जिद समिति को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए। हाई कोर्ट को भी इस मामले में जल्द फैसला देना चाहिए। तब तक निचली अदालत को कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। साथ ही निचली अदालत में पेश की जाने वाली सर्वे कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखा जाए। यह रिपोर्ट किसी भी कीमत पर लीक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने योगी सरकार को निष्पक्षता दिखाने की भी सलाह दी। उन्हें शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। इस एक मुद्दे पर देश की शांति-व्यवस्था से समझौता नहीं किया जा सकता।