रक्षा के क्षेत्र में ईरान का एक और महत्वपूर्ण कारनामा

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रक्षा के क्षेत्र में ईरान का एक और महत्वपूर्ण कारनामाइस्लामी गणतंत्र ईरान ने सूसनगेर्द की स्वतंत्रता की वर्षगांठ के अवसर पर अत्याधुनिक रणनीतिक ड्रोन विमान फ़ितरुस का अनावरण किया है।

इराक़ के तत्कालीन तानाशाह सद्दाम के सैनिकों ने 14 नवम्बर 1980 को ईरान की सीमाओं में अतिक्रमण जारी रखते हुए ईरान के दक्षिणी शहर सूसनगेर्द का परिवेष्टन कर लिया था, लेकिन उसके तीन दिन बाद ही ईरानी जियालों ने इस परिवेष्टन को तोड़ने में सफलता प्राप्त कर ली।

सोमवार को ईरानी रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने प्रमुख चालक रहित विमान फ़ितरुस के अनावरण समारोह में कहा कि इस उच्च क्षमता वाले ड्रोन विमान को ईरानी विशेषज्ञों ने देश के सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को मद्दे नज़र रखकर विकसित किया है।

इस ड्रोन विमान के अनावरण समारोह में रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि फ़ितरुस ड्रोन विमान २००० किलोमीटर तक २५ हज़ार फुट की ऊंचाई से १६ से ३० घंटों तक निरंतर उड़ान भर सकता है, तथा विभिन्न प्रकार के कैमरों के अलावा उसे हवा से सतह पर मार करने वाले मिज़ाइलों से भी लैस किया गया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह गौरवशाली कारनामा ईरानी विशेषज्ञों के अथक प्रयासों से संभव हुआ है और इससे एक बार पुनः यह सिद्ध हो गया कि शत्रुओं द्वारा लागू प्रतिबंध, रक्षा क्षेत्र में ईरान के विकास को प्रभावित नहीं कर सकते।

उल्लेखनीय है कि ईरान के सबसे बड़े एवं महत्वपूर्ण ड्रोन विमान फ़ितरुस का अनावरण, घरेलू तकनीक के विकास का एक उदाहरण है। देश की सीमाओं की रक्षा के उद्देश्य से ईरानी विशेषज्ञों ने अब तक सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के दृष्टिगत कई महत्वपूर्ण कारनामे अंजाम दिए हैं।

ईरान के विदेश मंत्री के अनुसार, भविष्य में होने वाले युद्धों में ड्रोन विमानों की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत ईरान इस जटिल तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है।

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