तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि जेनेवा में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों और जर्मनी पर आधारित गुट पांच धन एक के साथ वार्ता में ईरान के शामिल होने का लक्ष्य विश्व शक्तियों से ईरान के परमाणु अधिकारों का मान्यता दिलवाना था।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने ईरान की वार्ताकार टीम की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि इस वार्ता में ईरान का लक्ष्य यह था कि पश्चिमी देश ईरान की नागरिक परमाणु गतिविधियों को मान्यता दें तथा ईरान के अधिकारों का सम्मान करें। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों और इस्राईल के ओर से यह झूठा प्रोपैगंडा किया जा रहा है कि ईरान परमाणु बम बनाने के प्रयास में है किंतु ईरान कभी भी परमाणु बम बनाने के प्रयास में न रहा है और न रहेगा बल्कि क्षेत्र की शांति व सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में ईरान ने हमेशा महाविनाश के शस्त्रों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ईरान ने गत 34 साल के दौरान यह प्रमाणित कर दिया है कि क्षेत्र की शांति व सुरक्षा उसकी विदेश नीति की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इतिहास में कहीं कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह सिद्ध हो कि ईरान ने पड़ोसी या अन्य देशों पर कभी हमला किया हो।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने जेनेवा में होने वाली परमाणु वार्ता को विफल बनाने के लिए ज़ायोनी शासन की ओर से किए गए प्रयासों का हवाला देते हुए कहा कि इस शासन ने एसी स्थिति में ईरान पर जो समृद्ध संस्कृति व सभ्यता का स्वामी है, क्षेत्र और विश्व में अशांति फैलाने का आरोप लगाया कि जब अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी शासन के आपराधिक कार्यवाहियों से क्षेत्र और पूरे विश्व के लोग इस्राईल से घृणा करते हैं।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि जेनेवा समझौते के बाद अब पश्चिम को चाहिए कि विश्वास बहाली के लिए उन प्रतिबंधों को उठाए जो उसने ग़ैर क़ानूनी रूप से ईरान पर लगा रहे हैं ताकि विश्व के सामने उसे झूठ और धोखाधड़ी पहले से भी अधिक स्पष्ट रूप में सामने न आए।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने अमरीकी विदेश मंत्री जान कैरी के उस बयान का हवाला दिया जिसमें कैरी ने कहा कि प्रतिबंधों ने ईरान को घुटने टेकने और वार्ता के मेज़ पर बैठने पर विवश कर दिया, आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि निश्चित रूप से राष्ट्रों के दैनिक जीवन में अर्थ व्यवस्था का बड़ा महत्व होता है किंतु गौरव, प्रतिष्ठान, राष्ट्रीय हित तथा ज्ञान के मार्ग में प्रगति ईरानी जनता के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि ईरान की परमाणु वार्ताकार टीम आगामी वार्ताओं में अधिक दृढ़ता और सूझबूझ के साथ ईरान के हितों के अनुरूप क़दम उठाएगी।