सब्रा व शतीला के जल्लाद की मौत

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सब्रा व शतीला के जल्लाद की मौतअतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रधानमंत्री और सब्रा और शतीला के जल्लाद के नाम से विख्यात एरियल शैरोन की मौत हो गई। प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस्राइली टेलीविज़न ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शैरोन की 8 वर्ष तक कोमा में रहने के बाद शनिवार को मौत हो गई। अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री और सब्रा और शतीला का जल्लाद 2006 से ब्रेन हैम्रेज के कारण कोमा में था। 85 वर्षीय शैरोन विश्व जनमत विशेष रूप से फिलिस्तीनियों और अधिकतर अरब देशों में लेबनान में फिलिस्तीनी शिविरों सब्रा और शतीला पर बर्बर हमले और फिलिस्तीनियों के नरसंहार के कारण जल्लाद के नाम से प्रसिद्ध था। ज्ञात रहे कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन की सेना ने ज़ायोनी शासन के तत्कालीन युद्धमंत्री एरियल शैरोन के आदेश पर 16,17,18 सितंबर 1982 को लेबनान की राजधानी बेरूत में सब्रा और शतीला शिविरों में 3 हज़ार से लेकर पांच हज़ार तक फ़िलिस्तीनियों का बड़े ही बर्बरता से जनसंहार कर दिया था। मारे जाने वालों में अधिकतर महिलाएं, बच्चे और वृद्ध लोग शामिल थे।

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